संदीप सिंह/शिमला: हिमाचल प्रदेश में रामपुर के तहत आने वाले समेज में 31 जुलाई की रात को आई त्रासदी का आज चौथा दिन है. समेज गांव में आई बाढ़ ने पूरे गांव को तबाह कर दिया है. गांव में रहने वाले 36 लोगों को बाढ़ अपने साथ बहा कर ले गई. जिला प्रशासन द्वारा 1 अगस्त से ही समेज में लापता लोगों की तलाश के लिए रेस्क्यू एंड सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, लेकिन अभी तक इन लोगों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है.


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सर्च ऑपरेशन में लाइव डिटेक्टर डिवाइस का किया जा रहा इस्तेमाल 
लापता 36 लोगों में 18 महिलाएं, 8 बच्चे और 10 पुरुष शामिल हैं. आर्मी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड, सीआईएसएफ, अग्निशमन टीम सर्च ऑपरेशन कर रही हैं. सर्च ऑपरेशन में लाइव डिटेक्टर डिवाइस का इस्तेमाल किया जा रहा है. स्निफर डॉग को भी सर्च ऑपरेशन का हिस्सा बनाया गया है. रामपुर कोषाधिकारी कार्यालय रात 12 बजे तक खुला रहेगा ताकि आपदा राहत कार्य प्रभावित न हो.


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सर्च ऑपरेशन में 301 जवान शामिल
समेज में जारी सर्च ऑपरेशन में 301 जवान शामिल हैं. इनमें एनडीआरएफ के 67, पुलिस के 69, आईटीबीपी के 30 जवान, आर्मी के 110 जवान और सीआईएसएफ के 25 जवान शामिल हैं, जबकि सुन्नी में चल रहे सर्च अभियान में 61 सदस्यीय टीम शामिल हैं, जिसमें एनडीआरएफ के 30, एसडीआरएफ के 14, पुलिस के 07 और होमगार्ड के 10 कर्मी तैनात हैं. इसके साथ ही सर्च ऑपरेशन में 6 LNT मशीनें तैनात की गई हैं. 


लोगों ने प्रशासन से की मांग 
बादल फटने की घटना के चार दिन बाद भी कनेक्टिविटी प्रभावित हुई है. दूसरे गांव में फंसे लोगों ने बताया कि पांच गांव के लोगों की सड़क कनेक्टिविटी पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है, जिसके कारण वह पांच दिन से वहीं फंसे हुए हैं. बिजली पूरी तरह से ब्लैकआउट हो चुकी है. उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जल सड़क दोबारा बनाई जाए और मूलभूत सुविधाओं से लोगों को जोड़ा जाए.


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