नितेश सैनी/मंडी: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद विवाद के साथ-साथ अब प्रदेश के अन्य इलाकों में भी अवैध निर्माण का मामला तूल पकड़ रहा है. प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े जिला मंडी में भी बनी मस्जिद का लोग विरोध कर रहे हैं. मंडी जेल रोड इलाके में बनी मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग जोरों पर हैं, लेकिन यह मामला स्वतः नगर निगम मंडी से रूटीन कार्यवाही में कुछ महीने पहले लिया है, जिसकी सुनवाई नगर निगम कोर्ट में जारी है.


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हालांकि मंडी में कुछ हिंदू संगठन इस मामले पर मस्जिद के अवैध निर्माण को तोड़ने की मांग कर रहे हैं. नगर निगम मंडी अगर दो दिनों के भीतर कार्रवाई नहीं करेगा तो बड़े धरने प्रदर्शन की चेतावनी दी गई है. इस पूरे ही मामले पर हमारी जी मीडिया की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर मस्जिद मामले पर जांच पड़ताल की है. 


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नगर निगम मंडी के कमिश्नर एचएस. राणा ने जी मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मंडी में जो मस्जिद का निर्माण हुआ है वह 240 स्क्वायर मीटर में हुआ है, जिस पर कब्जा है वह 231 स्क्वायर मीटर है, जो रेवेन्यू रिकॉर्ड के हिसाब से मस्जिद है कुछ लोग हैं उनके नाम पर लैंड है, जो रेवेन्यू रिकॉर्ड के हिसाब से मस्जिद की लैंड है उसमें मालिकाना हक हिमाचल सरकार लिखा गया है, लेकिन आजादी से पहले का जो कब्जा है वह नूर बीवी के नाम पर था, जिसके बाद एक संस्था के नाम पर यह जगह गिफ्ट दी गई.


इस मामले में कोई शिकायत नहीं मिली थी, बल्कि नगर निगम ने स्वतः ही इस मामले को संज्ञान में कुछ महीनों पहले लिया है. हाल ही में इस मामले पर शिकायत मिली है, लेकिन जो भी ऐसे अवैध निर्माण हैं उन मामलों में कार्रवाई चल रही है. इस मस्जिद मामले में इन्हें अपना पक्ष रखने का उचित समय दिया गया है. इनके द्वारा रिक्वेस्ट की गई है कि हमें थोड़ा समय दिया जाए. हम पेपर प्रोड्यूस करेंगे. 


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पीडब्ल्यूडी की तरफ से एनओसी नहीं मिली है. इसमें जो भी निर्माण कार्य होना है वह टीसीपी एक्ट के तहत होगा. फिलहाल जो बाकी रिक्वायर्ड डॉक्यूमेंट्स होते हैं वह नहीं प्रोड्यूस कर पाए हैं. इस मामले पर आगामी सुनवाई होनी है. हम केवल मस्जिद के अगेंस्ट नहीं है. हमने शहर के अंदर ऐसे अवैध निर्माण में 360 के करीब नोटिस दिए हैं. हिंदू जागरण मंच के पदाधिकारी अश्विनी ने कहा कि इस अवैध मस्जिद का निर्माण जल्द से जल्द रुकना चाहिए. यह बिल्डिंग सील कर देनी चाहिए. नगर निगम मंडी प्रशासन को अल्टीमेटम दे दिया गया है कि 13 तारीख को महारैली की जाएगी. मंडी के स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध निर्माण पर कार्रवाई होनी चाहिए. इस मामले को धार्मिक लिहाज से नहीं देखना चाहिए.


मुस्लिम वेलफेयर कमेटी सदस्य मंडी इकवाल अली से भी हमारी टीम ने बातचीत की. इकवाल का कहना है कि यह मस्जिद आजादी से पहले की बनी हुई है. मस्जिद की जगह ही मस्जिद बन रही है. नगर निगम मंडी को इस मस्जिद के निर्माण पर दस्तावेज दिए गए हैं. इस मामले पर राजनीति की जा रही है. यह मस्जिद शहर के भीड़ भाड़ वाली जगह में है. हम कोई भी गलत काम नहीं कर रहे हैं. बेशक मस्जिद की जमीन का मालिकाना हक हिमाचल सरकार के पास है. हमारी यही विनती है कि यह मामला नगर निगम कोर्ट में है. यह एक धार्मिक स्थल है. सभी आपस में भाईचारा बनाए रखें.


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