विजय भारद्वाज/बिलासपुर: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री रामलाल ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में माइनिंग प्रोजेक्ट से प्राप्त धनराशि के मनमर्जी से उपयोग किए जाने पर जांच की मांग की है. सर्किट हाउस बिलासपुर में प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर ने कहा कि माइनिंग के दौरान प्रभावित पंचायतों के लिए धनराशि खर्च करने का प्रावधान किया गया है. मगर यह राशि संबंधित पंचायतों पर व्यय नहीं की जा रही. वहीं रामलाल ठाकुर ने कहा कि बीते वर्षों में माइनिंग से मिली धनराशि का इस्तेमाल किन पंचायतों में हुआ इन सभी की जानकारी आरटीआई के तहत ली जाएगी और ओस विस्तृत रिपोर्ट को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु व उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान के समक्ष रखी जाएगी. फिर उनकी यह जिम्मेवारी होगी कि इस मामले में प्रभावित गांव के लोगों के साथ अन्याय ना हो और माइनिंग से प्राप्त धन राशि को पर प्रभावित इलाके के विकास पर खर्च हो सके.


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वहीं, रामलाल ठाकुर ने कहा कि सेंट्रल एक्ट के तहत खनन से प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल विकास के कार्यों पर किया जाना है और स्थानीय लोगों को ही इस खनन राशि का लाभ देने के लिए इसमें संशोधन भी किया गया था, ताकि स्थानीय लोगों को खनन के कारण होने वाले स्वास्थ्य संबंधी व अन्य कठिनाइयों के निराकरण के लिए मुआवजे के रूप में धन राशि प्राप्त हो सके और यह राशि उस क्षेत्र के स्वास्थ्य संस्थानों, सड़कों, स्कूलों, पशु औषधालयों जैसे विकास कार्यों पर व्यय हो सके. 


वहीं, रामलाल ठाकुर का आरोप है कि पिछले वर्ष बिलासपुर जिला से सम्बंध रखती एसीसी और अल्ट्रा सीमेंट खनन क्षेत्र से बिलासपुर के जिलाधीश को 03 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई थी, जिसे उन्होंने जिला के 44 कथित विकास योजनाओं पर व्यय करने की बात कही थी, मगर इस राशि का अधिकतर भाग नियम-कानून का उल्लंघन करते हुए चुनाव के समय कथित दुरुपयोग किया गया है और स्थानीय लोगों से अन्याय किया गया जिस पर अंकुश लगाया जाना अत्यंत आवश्यक है. 


उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार इस राशि के सदुपयोग के लिए संबन्धित जिलाधीश की अध्यक्षता में एक 17 सदस्य समिति का निर्माण होता है. जो खनन से प्राप्त राशि को खनन क्षेत्र की 03 किलो मीटर आकाशीय और 10 किलोमीटर सड़क दूरी में आने वाले सभी गांवों के विकास पर ही व्यय की जा सकती है, लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिल रहा और इस धनराशि का कुछ लोग अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं जिसकी जांच के लिए वह जल्द ही मुख्यमंत्री व उद्योग मंत्री से मिलेंगे ताकि खनन से प्राप्त धनराशि का सही जगह इस्तेमाल हो सके.


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