Bilaspur News: पिछले काफी समय से हिमाचल प्रदेश में बारिश ना होने के चलते सूखे के हालात बने हुए थे, तो वहीं अचानक मौसम के करवट बदलने के बाद ऊपरी पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश होने से कुछ राहत जरूर देखने को मिली है. 


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गौरतलब है कि प्रदेश में सूखे के हालातों को देखते हुए बिलासपुर स्थित शक्तिपीठ श्री नैनादेवी मंदिर में भगवान वीरभद्र की मूर्ति को शिव मंदिर से उठाकर विधिवत पूजा अर्चना व मंत्रोच्चारण के साथ माता रानी के चरणों में रखा गया था और जल्द बारिश होने की कामना की गई थी जिसके बाद एकाएक प्रदेश में मानसून ने करवट बदली और बारिश व बर्फबारी का दौर जारी हो गया. 


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वहीं बारिश की कामना पूरी होते ही अब भगवान वीरभद्र जी मूर्ति को फिर से माता जी के चरणों से उठाकर विधि विधान के साथ पूजा अर्चना के साथ शिव मंदिर में स्थापित कर दिया गया है. प्राचीन मान्यताओं को पूरा करते हुए इस बार भी बारिश शुरू होने से बुजुर्गों की यह मान्यता फिर से पूरी हुई है. 


हालांकि प्राचीन मान्यता यह है कि जब भी हिमाचल प्रदेश में सूखे जैसे हालात बने हो और काफी समय तक बारिश ना हुई हो तो भगवान वीरभद्र जी की मूर्ति को बाहर माता रानी के चरणों में रखा जाता है और उसके एक सप्ताह के अंदर ही बारिश का दौर शुरू हो जाता हैं लेकिन इस बार मूर्ति रखते ही तीसरे दिन ही बारिश शुरू हो गई. 


वहीं नैनादेवी मंदिर के मुख्य पुजारी विनोद शर्मा ने कहा हैं कि उन्होंने अपने बुजुर्गों की परंपरा को कायम करते हुए इंद्र भगवान जी को निमंत्रण दिया था और उन्होंने भगवान वीरभद्र जी के माध्यम से उनका निमंत्रण स्वीकार किया था जिसके बाद बिलासपुर ही नहीं बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश में बारिश व बर्फबारी का दौर शुरू हो गया हैं, जिसके बाद मनोकामना पूर्ण होते ही विधिवत रूप से पूजा आरती व मंत्रोच्चारण के साथ ही भगवान वीरभद्र जी की मूर्ति को पुनः शिव मंदिर में परिवार के बीच स्थापित कर दिया गया है और आने वाले समय में जब भी प्रदेश पर कोई संकट आएगा तो पौराणिक मान्यताओं को पूरा करते हुए भगवान वीरभद्र प्रदेश की रक्षा जरूर करेंगे.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर