Bilaspur Kashmiri Traders Misbehave Case: पिछले महीने कांगड़ा में भी ऐसी घटना हुई थी. 22 नवंबर को कांगड़ा के आलमपुर इलाके में एक महिला बीडीसी ने एक मुस्लिम फेरीवाले को गांव में आने से रोका और उससे जय श्री राम का नारा लगाने को भी कहा. अब बिलासपुर में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं के साथ बदसलूकी की गई है.
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Bilaspur Kashmiri Traders Misbehave Case: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के बाद अब बिलासपुर में भी कश्मीरी शॉल विक्रेताओं के साथ बदसलूकी की गई है. इस मामले को लेकर कश्मीरी शॉल विक्रेता बिलासपुर के एसपी कार्यालय भी पहुंचे थे, लेकिन एसपी कार्यालय में नहीं मिले. क्योंकि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर अवकाश घोषित किया गया है. जिसकी वजह से वह ऑफिस नहीं आए थे. हिंदू संगठन के लोगों ने इन कश्मीरी शॉल विक्रेताओं से बदसलूकी की है. अभी तक हिंदू संगठन के लोगों पर कार्रवाई नहीं हुई है. जिससे देश की सियासत गरमा गई है.
घटना से बेहद चिंतित हैं महबूबा मुफ्ती
इस घटना को लेकर कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती बेहद चिंतित हैं. उन्होंने भी एक इस मामले का वीडियो इंस्टाग्राम पर शेयर किया है और पीएम उमर अबदुल्ला और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है और सभी कश्मीरी दुकानदारों की सुरक्षा देने की गुजारिश की है.
"Kashmiri shawl sellers in Himachal Pradesh's Bilaspur District are facing harassment, assault, and threats from right-wing groups. Despite proper documents, they're being barred from doing business and evicted. This is the third such incident, highlighting a worrying pattern of…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 26, 2024
कश्मीरियों को व्यवसाय से किया जा रहा है बेदखल- पूर्व सीएम
पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं को हिंदू संगठनों से उत्पीड़न, हमले और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है. उचित दस्तावेजों के बावजूद, उन्हें व्यवसाय करने से रोका जा रहा है और बेदखल किया जा रहा है. यह तीसरी ऐसी घटना है, जो लक्षित हिंसा के चिंताजनक पैटर्न को उजागर करती है. कश्मीरियों को अलग-थलग करने से वे और अलग-थलग पड़ जाएंगे. मैं जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से गुजारिश करती हूं कि वे हस्तक्षेप करें और इन व्यापारियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करें."
क्या है पूरा मामला
दरअसल, यह मामला बिलासपुर जिले के घुमारवीं का है. यहां कश्मीर से आए लोग शॉल बेचने का काम करते हैं. इनका इल्जाम है कि कुछ लोगों ने उन्हें धमकाया और कहा कि वे यहां शॉल और कंबल न बेचें. जुमे की नमाज से पहले साढ़े दस बजे इन कश्मीरी व्यापारियों का एक समूह एसपी कार्यालय पहुंचा और उनके हाथ में एक शिकायत पत्र था. थाने में दर्ज कराया गया है शिकायत पत्र में इन लोगों ने बताया कि वे घुमारवीं में किराए पर रहते हैं और कई सालों से यहां फेरी लगा रहे हैं. 25 दिसंबर को जब वह घुमारवी के एक गांव में शॉल बेचने गए थे तो कुछ बदमाशों ने उन्हें रोक लिया और कहा कि अपना बिस्तर उठाकर कहीं और चले जाओ और फिर कभी यहां नजर मत आना. साथ ही इन लोगों के साथ हिंदू संगठन के लोगों ने बदसलूकी भी की.
कांगड़ा में भी हुई थी ऐसी घटना
इससे पहले पिछले महीने कांगड़ा में भी ऐसी घटना हुई थी. 22 नवंबर को कांगड़ा के आलमपुर इलाके में एक महिला बीडीसी ने एक मुस्लिम फेरीवाले को गांव में आने से रोका और उससे जय श्री राम का नारा लगाने को भी कहा. जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस ने जांच की. मामले में महिला बीडीसी सदस्य के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था.