IGMC शिमला के सुरक्षा कर्मियों ने सीटू के बैनर तले सड़कों पर उतरकर किया जोरदार प्रदर्शन
Shimla News: आईजीएमसी के सुरक्षा कर्मी सीटू के बैनर तले सड़कों पर उतर आए हैं. सभी ने डीसी ऑफिस शिमला के बाहर प्रदर्शन करते हुए 31 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर निकालने का निर्णय गैर कानूनी बताते हुए उन सभी को वापस नौकरी पर रखने की मांग की.
समीक्षा कुमारी/शिमला: आईजीएमसी के 31 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकालने के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों ने सीटू के बैनर तले डीसी ऑफिस शिमला के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को नौकरी पर वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा.
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि 31 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर निकालने का निर्णय गैर कानूनी है. इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो कल से आईजीएमसी में जोरदार प्रदर्शन और हड़ताल होगी. उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में सुरक्षा कर्मियों की मानसिक प्रताड़ना की जा रही है. ठेकेदार बदलने पर उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है जो कि यूनियन से आईजीएमसी प्रबंधन द्वारा किए गए समझौते व औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 (एच) का खुला उल्लंघन है.
ये भी पढ़ें- Lal Bahadur Shastri 2023 की जयंती पर जानें उनके जीवन से जुड़े कुछ अनकहे किस्से
आईजीएमसी प्रबंधन को दी गई चेतावनी
आईजीएमसी प्रबंधन भी नए ठेकेदार के साथ मिलकर श्रम कानूनों की खुली अवहेलना कर रहा है. पिछले कई वर्षों से कार्यरत सुरक्षा कर्मियों की पुनर्नियुक्ति में श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है. औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 25 एच की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. नई आउटसोर्स कंपनी द्वारा जो शपथ पत्र सुरक्षा कर्मियों से लिया जा रहा है, उसमें अनुचित श्रम व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सभी सुरक्षा कर्मियों की पुनर्नियुक्ति न की गई तो कल से आईजीएमसी के बाहर धरना प्रदर्शन किया जाएगा, जिसका जिम्मेदार प्रशासन होगा.
ये भी पढ़ें- Gandhi Jayanti के मौके पर हिमाचल प्रदेश के जिला नाहन में निकाली गई प्रभात फेरी
वहीं, आईजीएमसी सिक्योरिटी से निकाले गए बबलू ने बताया कि उनके 34 सिक्योरिटी गार्ड को बिना किसी कारण नौकरी से निकाल दिया गया है. उन्होंने बताया कि उन्हें नौकरी से निकालने से पहले कोई नोटिस भी नहीं दिया गया. उन्होंने प्रशासन से आग्रह करते हुए कहा कि सभी 34 कर्मियों को नौकरी पर वापस रखा जाए.