समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्ट्रीट लाइटों का रख-रखाव करने वाली कंपनी के खिलाफ नगर निगम सख्त हो गया है, क्योंकि कंपनी की तरफ से खराब स्ट्रीट लाइट को ठीक नहीं किया जा रहा, जिसके चलते अब कंपनी को नगर निगम ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी में है. बीते दिन नगर-निगम मेयर सुरेंद्र चौहान की अध्यक्षता में शहर की स्ट्रीट लाइटों की व्यवस्था को लेकर एक बैठक हुई, जिसमें बिजली बोर्ड के अधिकारियों व शहर में स्ट्रीट लाइटों का रखरखाव संभालने वाली कंपनी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे. इस बैठक में आउटसोर्स पर काम कर रही तीसरी कंपनी के अधिकारियों ने वर्चुअली हिस्सा लिया.


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कंपनियों को क्यों किया जाएगा ब्लैक लिस्ट
राज्य बिजली बोर्ड शहर में स्ट्रीट लाइट के पोल लगाने का काम खुद करता है. स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का काम एक निजी कंपनी को सौंप गया है. यह कंपनी भी शहर में आगे किसी दूसरी निजी कंपनी के माध्यम से इस काम को करवा रही है, लेकिन अब नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कंपनी को सोमवार से रखरखाव का काम शुरू करने का अल्टीमेटम दिया है. अगर इसमें देरी होती है तो कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा. इसके बाद कंपनी शहर में किसी तरह का कोई काम नहीं कर सकेगी.


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शहर में लगाई जाएंगी 1,000 नई स्ट्रीट लाइटें 
नगर निगम के मेयर सुरेंद्र पाल ने बताया कि शहर में 300 से अधिक स्ट्रीट लाइटों को मंजूरी दी गई है जो नगर निगम के पास मौजूद है. इन लाइटों को ऐसे स्थानों पर लगाया जाएगा जहां स्ट्रीट लाइटों की सबसे ज्यादा समस्या है. उन्होंने कहा कि शहर में करीब 1,000 नई स्ट्रीट लाइटें लगाई जानी है. इसके लिए भी शहर के सभी वार्डों में पार्षदों से उनकी प्राथमिकता मांग ली है. उनकी प्राथमिकता के आधार पर और लोगों की जरूरत को देखते हुए स्ट्रीट लाइटों का लगाया जाना प्रस्तावित है.


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शहर में गिराए जा रहे अवैध निर्माण
इसके अलावा उन्होंने बताया कि शिमला में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा मेहली भट्टाकुफर विकासनगर में राजमार्ग के आसपास अवैध निर्माण तोड़े जा रहे हैं, लेकिन इनका मलबा नहीं उठाया जा रहा है जिस पर नगर निगम ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भी पत्र लिखा है. प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद शहर के कई हिस्सों में अवैध निर्माण को गिराने का काम चल रहा है, जिसके कारण काफी मलबा इकट्ठा हो गया है. इससे सीवेरज और नालियां भी बंद हो रही हैं. 


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