55 घंटे में 430 किमी की दूरी तय कर प्रीति ने बनाया रिकॉर्ड, लेह-मनाली मार्ग पर चलाया साइकिल
कहते है जिद्द अगर जुनून बन जाए तो ऊंचे-ऊंचे पहाड़ भी आपकी राह रोक नहीं सकते हैं. जी हां, पुणे की 45 वर्षीय महिला ने कुछ ऐसा ही कारनामा किया है.
संदीप सिंह/मनाली: कहते है जिद्द अगर जुनून बन जाए तो ऊंचे-ऊंचे पहाड़ भी आपकी राह रोक नहीं सकते हैं. जी हां, पुणे की 45 वर्षीय महिला ने कुछ ऐसा ही कारनामा किया है. महिला ने दुनिया की सबसे ऊंचे पहाड़ों से होकर गुजरने वाली लेह-मनाली की 430 km की दूरी बिना रुके 55 घंटे में साइकिलिंग कर पूरी की हैं. बता दें, प्रीति दो बच्चों की मां और एक हाउस वाइफ हैं.
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देश को महिला सशक्तिकरण का संदेश देने के मकसद से, प्रीति ने रोमांच से भरे दुनिया के रौचक व सामरिक मार्ग पर साइकिल में सफर करने वाली देश की पहली महिला बन गई है. उनकी यह रेस गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज होगी. बता दें, प्रीति ने नॉनस्टॉप हाई एल्टीट्यूड अभियान में इस सफर को पूरा किया है. मनाली पहुंचने पर प्रीति का BRO के 38 बीआरटीएफ की ओर से स्वागत किया. साथ ही बीआरओ कमांडर कर्नल शबरिश वचाली ने महिला को बधाई दी.
प्रीति ने कहा कि साइकिल रेस का उद्देश्य देश को महिला सशक्तिकरण का संदेश देना था. साथ ही बीआरओ और लोगों के बीच समन्वय बिठाना रहा. उन्होंने कहा कि इस रेस को सफल बनाने में उन्हें बीआरओ का यथासम्भव सहयोग मिला है. लेह से मनाली की दूरी को तय करने के लिए 60 घंटे का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन इस सफर को तय समय से पांच घंटे पहले पूरा कर लिया.
उन्होंने बताया कि वह लेह से 22 जून को चली थीं और लेह के ऊपसी, लाचुंगला दर्रा, नाकीला, बारालाचा दर्रा, सरचू, दारचा और अटल टनल रोहतांग होते हुए मनाली पहुंची है. उन्होंने कहा कि आज महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. पिछले साल लेह से मनाली तक का सफर साइकिल में तय करने की ठानी थी जिसे पूरा कर खुशी हुई है. उन्होने कहा कि इससे पहले भी उन्होंने मार्च 2021 में गोल्डन कोर्डिलेटरल रेस में भी भाग लिया था.
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