Una Raid News: हिमाचल प्रदेश में चल रहे नकली दवाओं के कारोबार का खुलासा हुआ है. जी मीडिया की टीम ने एक स्टिंग ऑपरेशन OperationD कर बड़ा खुलासा किया, जिसका बड़ा असर देखने को मिला. इस ऑपरेशन के बाद ऊना पुलिस ने नकली दवाओं के डीलरों पर छापेमारी की. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम इस मामले में जांच कर रही हैं. 


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क्या था OperationD का मकसद
दवाओं को लेकर हो रहा यह कारोबार ना सरकार की नजरों से छिपा है और ना दवा कंपनियां इससे अंजान हैं. हालांकि इस ऑपरेशन का मकसद किसी दवा निर्माता कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले मौत के सौदागरों का चेहरा देश के सामने लाना था. 


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बता दें, नकली दवाओं का कारोबार करने वाला व्यक्ति बलराम सिंह चौहान खुद को डॉक्टर बता रहा है. इसका पेशा ब्रांडेड कंपनी की डुप्लिकेट दवाएं बनाना है. जब जी न्यूज की टीम को इसके बारे में पता चला तो जी मीडिया के एक इन्वेस्टिगेटर रिपोर्टर ने दवा व्यापारी बनकर नकली दवाओं के सौदागर बलराम सिंह चौहान से ऊना एक निजी होटल में मुलाकात की और उससे बड़े ब्रांड्स की साधारण सर्दी, जुकाम, बुखार, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की नकली दवाओं की डिमांड की. हैरानी तो तब हुई जब बलराम सिंह चौहान इन सभी दवाओं की कॉपी दवाएं देने के लिए मान गया. 


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इसके बाद रिपोर्टर ने पूंछा कि ऑर्डर देने के कितने समय बाद उन्हें दवाएं मिल जाएंगी और उन दवाओं पर कितना मार्जिन मिलेगा. रिपोर्टर के इस सवाल पर बलराम ने बताया कि ऑर्डर देने के बाद एक महीने बाद ही ये दवाएं मिल जाएंगी. यह दवाएं सीतापुर में ही मिल जाएंगी. इसके बाद रिपोर्टर ने पूछा कि क्या आपके पास साधारण दवाएं ही उपलब्ध हैं या फिर गंभीर बीमारियों की दवाएं भी हैं. इस सवाल के जवाब में बलराम ने कहा कि सबसे ज्यादा Dolo सबसे ज्यादा बिकती है और बीपी Amlodipiene बिकती है, लेकिन इसमें मार्जिन नहीं होता है.  
   


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