Shimla News in Hindi: गुरुवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. वहीं, सुक्खू सरकार की शिमला डेवलोपमेन्ट प्लान 2041 को मंजूरी मिली है.
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Shimla News: सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के 2017 के उस ऑर्डर को रद्द कर दिया है, जिसमें NGT ने शिमला के ग्रीन व कोर एरिया में निर्माण पर पाबंदी लगाई थी. प्लानिंग एरिया में ढाई मंजिल से ज्यादा ऊंचा मकान बनाने की अनुमति नहीं थी, सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश B.R. गवई, न्यायाधीश PK मिश्रा और न्यायाधीश संदीप मेहता की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है.
सरकार ने जून 2023 में नई योजना को मंजूरी दी थी, जिसके बाद NGT ने इसपर प्रश्न चिन्ह लगाया था. सुक्खू सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में शिमला डेवलपमेंट प्लान 2041 का जोरदार बचाव किया है. गौरतलब हो, एनजीटी ने शिमला विकास योजना से संबंधी एक मामले में 2017 से कई निर्देश जारी किए थे. NGT ने कहा था कि शिमला योजना क्षेत्र के चलते अनियोजित और अंधाधुंध विकास ने गंभीर पर्यावरणीय समस्याओं को जन्म दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता राज्य सरकार और शिकायतकर्ता योगेंद्र मोहन सेन गुप्ता व अन्य पक्षों की दलीलें सुनने के बाद गुरुवार को यह फैसला दिया है. इस पर बीते 12 दिसंबर को सुनवाई हुई थी. उस दिन कोर्ट ने फैसला रिजर्व कर दिया था. गौर रहे कि हिमाचल सरकार ने NGT के ऑर्डर को शीर्ष अदालत (Supreme Court) में चुनौती दी थी. SC से अब प्रदेश सरकार जीत गई है.
32 किलोमीटर से अधिक के रेडियस में बसे शिमला शहर में अब डेवलपमेंट प्लान के हिसाब से कंस्ट्रक्शन होगी. राज्य सरकार ने बीते साल ही नया डेवलपमेंट प्लान बनाकर सुप्रीम कोर्ट में सब्मिट किया है. अब इसके हिसाब से प्लानिंग एरिया में लगभग साढ़े चार मंजिल (14 से 21 मीटर) तक ऊंचे भवन बनाए जा सकेंगे. हालांकि, अब कोर्ट के रिटन ऑर्डर से स्थिति पूरी तरह स्पष्ट होगी.
डेवलपमेंट प्लान में कंस्ट्रक्शन के लिए कुल 22,450 हेक्टेयर भूमि को ध्यान में रखा गया है. जिस शिमला नगर निगम, कुफरी, शोघी और घानाहट्टी के विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण और गांवों के अलावा अतिरिक्त शिमला योजना क्षेत्र शामिल थे.
बता दें, नई योजना को लागू करने और इसके प्रैक्टिकल पालन पर दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 12 दिसंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. शिमला विकास योजना को पिछली राज्य सरकार ने फरवरी 2022 में मंजूरी दे दी थी, लेकिन मई 2022 में एनजीटी के स्टे ऑर्डर के चलते योजना लागू नहीं की जा सकी. ट्रिब्यूनल ने इसे अवैध करार दिया था और इसे NGT के ऑर्डर के खिलाफ माना था.
सुक्खू सरकार द्वारा अपील में सुप्रीम कोर्ट ने मई 2023 में राज्य सरकार से विकास योजना पर प्राप्त आपत्तियों पर निर्णय लेने और उसके बाद छह सप्ताह के भीतर अंतिम विकास योजना जारी करने को कहा. साथ ही, अदालत ने स्पष्ट किया कि योजना को अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से एक महीने तक लागू नहीं किया जाएगा और न ही ड्राफ्ट योजना के आधार पर किसी नए निर्माण की अनुमति दी जाएगी.
इसके बाद जून 2023 में राज्य सरकार ने नई योजन जारी किया. विजन 2041 नाम की इस योजना में 17 ग्रीन बेल्ट में कुछ प्रतिबंधों के साथ और मुख्य क्षेत्र में निर्मान होगा.
रिपोर्ट- समीक्षा कुमारी, शिमला