Bilaspur News: हिन्दू धर्म के सबसे अहम महाकाव्यों में से एक रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि जी की जयंती के उपलक्ष्य पर देवभूमि हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. वहीं बात करें बिलासपुर की तो महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर स्थानीय लोगों द्वारा शोभा यात्रा निकाली गई. इसके साथ ही डियारा सेक्टर स्थित महर्षि वाल्मीकि मंदिर में विश्व शांति के लिए हवन यज्ञ भी किया गया. 


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मंदिर में आयोजित कार्य्रकम के दौरान बिलासपुर से विधायक त्रिलोक जम्वाल व नगर परिषद अध्यक्ष कमल गौतम विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिन्होंने स्थानीय जनता व हिन्दू संगठन के सदस्यों के साथ मिलकर विश्व में शांति व समृद्धि कायम रहने की कामना के साथ हवन कुंड में आहुतियां डाली. 


वहीं बिलासपुर शहर में निकाली गई शोभा यात्रा में महर्षि वाल्मीकि व लव कुश की सुंदर-सुंदर झांकियां निकाली गई. इस अवसर पर बिलासपुर विधायक त्रिलोक जमाल ने महर्षि वाल्मीकि के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाकाव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को अपने विद्वता और तप के कारण महर्षि की पदवी प्राप्त हुई थी.


बता दें, महर्षि वाल्मीकि के जन्म दिवस को ही वाल्मीकि जयंती के रूप में मनाया जाता है. साथ ही उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि अपनी मानवता व अपने संदेशों के माध्यम से युगों-युगों तक हमारी सभ्यता और संस्कृति की अमूल्य धरोहर बने रहेंगे. 


महर्षि वाल्मीकि के विचार आज भी भारतीय समाज को प्रेरित करते हैं और आज भी लाखों लोग उनके आदर्शों को अपनाते हुए उनके बताए रास्ते पर चलते है. वहीं इस दौरान आदि धर्म समाज बिलासपुर के प्रचारक अनिल किशोर ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी महर्षि वाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाई गई है और शोभा यात्रा व हवन यज्ञ के आयोजन के साथ ही समाज के सभी वर्गों से महर्षि वाल्मीकि के बताए रास्ते पर चलने की अपील की गई है ताकि देश में सुख शांति बनी रहे और समाज मे फैली कुरीतियां दूर हो सके.


रिपोर्ट- विजय भारद्वाज, बिलासपुर