Year Ender 2023 Himachal Pradesh: साल 2023 का आज आखिरी दिन है. इस साल को खत्म होने में कुछ ही घंटों का समय बाकी रह गया है. ज्यादातर लोग नए साल का सेलिब्रेशन करने और न्यू ईयर के पहले दिन को यादगार बनाने के लिए पहाड़ों के बीच हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत वादियों में पहुंचे हुए हैं. क्रिसमस से लेकर अब तक एक लाख से ज्यादा पर्यटक प्रदेश के अलग-अलग पर्यटन स्थलों में पहुंच चुके हैं. ऐसे में हम यहां आपको बताने जा रहे हैं कि साल 2023 हिमाचल प्रदेश के लिए कैसा रहा. 


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हिमाचलवासी कभी नहीं भूल पाएंगे यह साल 
बता दें, हिमाचल प्रदेश के लिए साल 2023 यादगार रहेगा. प्रदेश में इस साल बहुत कुछ ऐसा हुआ, जिसे भूल पाना यहां के लोगों के लिए आसान नहीं होगा. भले ही प्रदेश में आज पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन कुछ महीनों पहले तक यहां आने से हर कोई डर रहा था. जुलाई और अगस्त में आई भारी बारिश से ऐसी तबाही मचाई, जिसे कभी नहीं देखा गया. 


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500 से ज्यादा लोगों की चली गई जान  
आपदा के कारण यहां का आम जन-जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया. इस आपदा में 500 से ज्यादा लोगों की जान चली गई, कई लोगों से उनके मकान, दुकान और वाहन छिन गए. इस आपदा में प्रदेश सरकार को 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ. भारी बारिश और बाढ़ के कारण ब्यास नदी भी उफान पर आ गई. आपदा के बीच प्रदेश का शिव मंदिर भी पानी में डूब गया. 


कई लोग हो गए बोरोजगार
भारी बारिश से बढ़ते खतरे को देखते हुए पर्यटन स्थल कुल्लू-मनाली के होटल और होम स्टे पर ताले लग गए, जिसके चलते कई लोग बेरोजागर हो गए. कई सड़कें बंद कर दी गईं. बादल फटने और लगातार हो रहे लैंडस्लाइड को देखते हुए प्रशासन की ओर से लोगों से उनका घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जानें की अपील की लाने लगी. 


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किसान और बागवान को भी भारी नुकसान
इस आपदा में व्यापारियों समेत किसानों और बागवानों का भी काफी नुकसान हुआ. भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जुब्बल, ठियोग, चिड़गांव, कोटखाई, रोहड़ू, मंडी, कुल्लू और शिमला में सेब के कई पेड़ उखड़ गए, जिससे बागवानों का काफी नुकसान हुआ. 


अलग-अलग विभागों को हुआ करोड़ों का नुकसान
कांगड़ा में भारी बरसात से विभिन्न विभागों को 700 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ था. डीसी कांगड़ा डा. निपुण जिंदल ने बताया था कि जिला में भारी बरसात के चलते जल शक्ति विभाग को सवा 300 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ. पीडब्ल्यूडी विभाग को भी 300 करोड़ रुपये से ज्यादा और विद्युत बोर्ड को जिला में 50 करोड़ का नुकसान हुआ था.


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