Lyme Disease: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों एक नई बीमारी ने दस्तक दे दी है, जिसे लाइम रोग कहा जा रहा है. यह बीमारी एक कीट के काटने से हो रही है. प्रदेश में इस रोग के अभी तक 144 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनके नमूने एम्स दिल्ली भेजे गए हैं.
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समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश में पहली बार लाइम रोग के मरीज मिले हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के एक प्रोजेक्ट के तहत इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला के विशेषज्ञों ने लाइम रोग के संदेह पर 232 लोगों के नमूने एकत्रित किए थे. इनमें से जांच में 144 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. हालांकि नमूने आगामी पुष्टि के लिए एम्स नई दिल्ली भेजे गए हैं. एम्स की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि इनमें से कितने लोगों में लाइम रोग है.
कब फैलता है लाइम रोग
लाइम रोग की जांच के लिए डायग्नोस्टिक किट चिकित्सा अनुसंधान परिषद की वित्तीय सहायता से चेक गणराज्य (मध्य यूरोप में एक भूमि से घिरा देश) से खरीदी गई है. प्रदेश में लाइम रोग की उपस्थिति की खोज साल 2022 से चल रही है. बीते साल इसके 173 नमूने लिए गए थे. बता दें, लाइम रोग एक छोटे से बैक्टीरिया स्पाइरोकीट यानी बोरेलिया बर्गडोरफेरी के कारण होता है. यह एक कीड़े के काटने से होता है. लाइम रोग मई से सितंबर के बीच होता है.
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कैसे होता है लाइम रोग
यह कीट जंगल और आसपास के इलाकों में पाया जाता है. यह पशुओं से चिपक कर खून चूस्ता है. इस रोग को फैलाने वाला कीट कीड़ा पक्षियों और पशुओं की कुछ प्रजातियों में पाया जाता है. बता दें, जिस जगह यह कीट काट लेता है उस जगह दाने हो जाते हैं. इसके काटने के बाद बुखार, सिर दर्द, अधिक थकान और मांसपेशियों में दर्द होता है.
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क्या है लाइम रोग के लक्षण
इसके काटने के 3 से 7 दिन के भीतर गर्दन में दर्द, अकड़न, चेहरे के एक या दोनों तरफ की मांसपेशियों में कमजोरी अनियमित रूप से दिल की धड़कन बढ़ना, पीठ में दर्द, हाथों या पैरों में झनझनाहट, आंखों में दर्द, अंधापन और घुटने में दर्द रहता है.
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