फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, शिंदे और पवार को मिला उपमुख्यमंत्री पद
Maharashtra CM Oath Ceremony: शपथ ग्रहण समारोह में 42,000 से अधिक लोग शामिल हुए, जिनमें शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और कुमार मंगलम बिड़ला जैसे हाई-प्रोफाइल अतिथि शामिल थे.
Devendra Fadnavis Oath Ceremony: देवेंद्र फडणवीस ने आज मुंबई के आज़ाद मैदान में एक भव्य समारोह में तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. भाजपा नेता के साथ शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और एनसीपी नेता अजित पवार ने भी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
यह पूछे जाने पर कि अन्य मंत्री कब शपथ लेंगे, भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा, "इस बात की पूरी संभावना है कि मंत्रिपरिषद को विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले शपथ दिला दी जाएगी, ताकि प्रशासनिक व्यवधान से बचा जा सके।"
सत्ता-साझेदारी पर गहन चर्चा
नई सरकार का गठन महायुति गठबंधन के भीतर दलों के बीच दो सप्ताह की गहन बातचीत के बाद हुआ है, जिसने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में जोरदार जीत हासिल की थी. सहयोगी दलों शिवसेना और एनसीपी के साथ मिलकर भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन के पास 230 सीटों का बहुमत है. अकेले भाजपा ने 132 सीटें जीतीं.
सितारों से सजा समारोह
शपथ ग्रहण समारोह में 42,000 से ज़्यादा लोग शामिल हुए, जिनमें शाहरुख़ खान, सलमान खान, संजय दत्त, माधुरी दीक्षित, सचिन तेंदुलकर, मुकेश अम्बानी और कुमार मंगलम बिड़ला जैसे हाई-प्रोफ़ाइल मेहमान शामिल थे. मुंबई के आज़ाद मैदान में पीएम मोदी के अलावा कई केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और विभिन्न राज्यों के उप-मुख्यमंत्री मौजूद थे.
40,000 भाजपा समर्थकों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, जबकि धार्मिक नेताओं सहित 2,000 वीवीआईपी के लिए अलग से बैठने की जगह बनाई गई थी. सुरक्षा के लिए 4,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था.
फडणवीस का तीसरा कार्यकाल
दो बार मुख्यमंत्री रह चुके फडणवीस ने 2014 से 2019 तक भाजपा-शिवसेना सरकार का नेतृत्व किया. 2019 के चुनावों के बाद, जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने सीएम पद को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया, तो फडणवीस ने फिर से शपथ ली और अजित पवार उनके डिप्टी बने. हालांकि, पवार द्वारा एनसीपी विधायकों से पर्याप्त समर्थन हासिल करने में विफल रहने के कारण यह सरकार केवल 72 घंटे ही चल पाई. शिवसेना में विभाजन के बाद, फडणवीस शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के तहत उपमुख्यमंत्री बने.