राजेश खत्री/सोनीपतः हरियाणा सरकार की बेटी बचाओ मुहिम अब सोनीपत में रंग ला रही है. जहां, कभी लिंगानुपात के आंकड़े बहुत निचले स्तर पर पहुंच चुके थे. अब यह आंकड़ा प्रति 1 हजार लड़को के मुकाबले 967 लड़कियों तक पहुंच चुका है. अधिकारी इस आंकड़े को राज्य स्तर पर बेहद ही अच्छा मान रहे हैं. हरियाणा के सोनीपत में इस सरकारी अस्पताल में जब बेटियों का जन्म होता है. तो, उनके परिवार जन बेहद खुशियां मनाते हैं.


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यहां, बेटियां पैदा होने पर इनके परिजन काफी खुश नजर आ रहे हैं. कभी हालात ऐसे थे कि यहां साल 2014 में प्रति 1000 लड़कों के अनुपात में बेटियों की संख्या केवल 810 थी. आज यह आंकड़ा बढ़कर 967 तक पहुंच चुका है. नीरज और कविता बताते है कि वह अपने घर में बेटियों को पाकर बेहद खुश हैं. बेटियां भी बेटों से कम नहीं है. उन्होंने बताया कि उनके घर में अब यह दूसरी बेटी ने जन्म लिया है और वह बेहद खुश है.


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तो वहीं, बेटी के जन्म पर परिजन महिला रोशनी ने बताया कि वह बहुत खुश है. उनके घर में पहले लड़का हुआ और अब लड़की हुई है तो वह मिठाइयां बांटकर खुशी मनाएगी. सोनीपत सरकारी अस्पताल प्रशासन द्वारा बेटी बचाने के मकसद को लेकर दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर गर्भ में लिंग की जांच करने वाले स्थानों पर कई दर्जन छापे मारे और तमाम अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई.


अस्पताल प्रशासन द्वारा गर्भवती महिलाओं को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस व्यवस्था को भी खासतौर से प्रभारी बनाया जिस का रिजल्ट अब सामने आ रहा है. लेबर रूम में कार्य करने वाली नर्स मंजू बताती है कि जिस तरह से यहां मॉर्निंग इवनिंग और नाइट तीन शिफ्ट होती है और कई बार तो छह डिलीवरी अगर होती है तो 6 की 6 बेटियां ही पैदा होती है और उनके परिवार वाले इस दौरान बेहद खुश होते हैं कि उनके घर पर लक्ष्मी आई है. वहीं नर्स सुमन बताती है कि अब वह जमाना गया.


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उन्होंने आगे बताया कि ‘जहां पहले कभी बेटा पैदा पैदा होने पर खुशियां मनाई जाती थी. लेकिन, अब बेटी पैदा होने पर खुशियां मनाई जाते हैं. अगर बेटियों पर सही से ध्यान दिया जाए तो वह हर फील्ड में बेटों से भी आगे निकल कर घर परिवार और देश का नाम रोशन कर सकती है, जिला सिविल हॉस्पिटल के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ जयभगवान जाटान ने बताया कि अस्पताल द्वारा पिछले 6 महीने का रिकॉर्ड जब निकाला गया तो सामने आया कि 1637 जन्म हुए है जिनमे लड़के 883 है और लड़कियां 854 है अगर सेक्स रेश्यो को देखा जाए तो आंकड़ा प्रति 1 हजार लड़को के मुकाबले 967 लड़कियों का है जो हरियाणा में बहुत अच्छा है.’


क्योंकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेटी बचाओ मुहिम के तहत जितने भी अल्ट्रासाउंड सेंटर है. वहां पर समय-समय पर जांच की जाती है. अगर दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई अमल में लाई जा रही है जिसे रिजल्ट अच्छे सामने आ रहे हैं. गौरतलब है कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान के तहत कन्या भ्रूण हत्या रोकने और बेटियों की साक्षरता के प्रति देश के लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने का लक्ष्य रखा गया था. उसका रिजल्ट अब बेहद ही सुकून देने वाले सामने आ रहे हैं और बेटियों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज हुई है.


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