Himachal assembly election: शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट पर कभी नहीं खिला कमल, कांग्रेस ने लहराया अपना परचम
Shimla rural seat: हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव का आगाज होने को है. इस बीच कांग्रेस, बीजेपी और आम आदमी पार्टी से लेकर सभी पार्टियों ने जीत हासिल करने के लिए कमर कस ली है. ऐसे में जानें शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट का इतिहास और राजनीतिक समीकरण.
Himachal assembly election 2022: हिमाचल प्रदेश की शिमला ग्रामीण सीट (Shimla Rural seat) प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट में शामिल है. ऐसे में यहां भी चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इस साल का चुनाव काफी दिलचस्प माना जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में न सिर्फ कांग्रेस और बीजेपी बल्कि आम आदमी पार्टी भी चुनावी मैदान में कूद पड़ी है.
साल 2022 का विधानसभा चुनाव होगा दिलचस्प
एक ओर जहां कांग्रेस राज्य की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल करने का दावा कर रही है और प्रदेश की जयराम सरकार प्रदेश हिमाचल में रिवाज बदलने की बात कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली और पंजाब में अपना परचम लहरा चुकी आम आदमी पार्टी अब हिमाचल प्रदेश में भी आने का दावा कर रही है.
क्या है शिमला ग्रामीण सीट का इतिहास?
हिमाचल प्रदेश की शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट के इतिहास की बात की जाए तो यह सीट शिमला सीट का हिस्सा है. बता दें, शिमला ग्रामीण सीट पहले शिमला के नाम से ही जानी जाती थी. साल 2008 के बाद इसका परिसीमन कर दिया गया, जिसके बाद शिमला ग्रामीण और शिमला शहरी सीट अस्तित्व में आई.
ये भी पढ़ें- Shimla assembly seat: शिमला शहरी विधानसभा सीट पर अब तक किसकी रही है दावेदारी, जानें इतिहास
शिमला ग्रामीण सीट पर रहा कांग्रेस का दबदबा
साल 2017 में शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई थी. बता दें, इस सीट पर अभी तक कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद अभी तक यहां दो बार चुनाव हुए हैं. यहां से पहली बार कांग्रेस के दिग्गज नेता स्व. वीरभद्र सिंह चुनावी मैदान उतरें थे, जिन्हें इस क्षेत्र की जनता ने पूर्ण बहुमत देकर जीत दिलाई. इसके बाद वे प्रदेश के मुख्यमंत्री भी बने. वहीं साल 2017 के विधानसभा चुनाव में सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को चुनावी मैदान में उतारा गया और इस क्षेत्र की जनता ने उन्हें जिताकर अपना विधायक चुना.
4880 वोटों से हार गई थी बीजेपी
इस क्षेत्र में 2017 में कुल 53.27 प्रतिशत वोट पड़े थे. इस दौरान कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह ने बीजेपी के डॉ. प्रमोद शर्मा को 4880 वोटों से हराकर जीत दर्ज की थी. बता दें, 2017 विधानसभा चुनाव में विक्रमादित्य सिंह कुल 23,395 वोटों से पहले स्थान पर रहे थे. वहीं, बीजेपी के डॉ. प्रमोद शर्मा 23,395 वोटों से दूसरे स्थान पर थे.
ये भी पढ़ें- Himachal capital: क्यों हैं हिमाचल प्रदेश की दो राजधानियां? बेहद दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी
राजपूत और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या ज्यादा
हिमाचल प्रदेश में फिलहाल 68 विधानसभा सीटे हैं, जिनमें से शिमला ग्रामीण 64वीं विधानसभा सीट है. 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान इस क्षेत्र में 70 हजार से वोटर थे. इनमें करीब 36,978 पुरुष मतदाता थे और 34,639 महिला वोटर थीं. इस क्षेत्र में राजपूत और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या ज्यादा है.
WATCH LIVE TV