Tirupati Laddu: विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के लड्डुओं को बनाने में घटिया सामग्री और पशु चर्बी के उपयोग से जुड़ा विवाद बढ़ता ही जा रही है. यह विवाद अब धर्म के साथ-साथ राजनीतिक मोड ले चुका है. इस मामले में अब पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं. दोनों राजनीतिक दल एक-दूसरे पर तंज कसते नजर आ रहे हैं.  


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कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, पूरी जांच होने से पहले चुनावी मौसम में ध्रुवीकरण की साजिश की कहानियों को हवा देना भारतीय जनता पार्टी के लिए उपयुक्त है. 


वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने तिरुपति मंदिर के प्रसाद रूपी लड्डू में पशु मांस मिलाने के विवाद को लेकर कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू से बात की है. उन्होंने कहा कि तिरुपति लड्डू मुद्दे पर पूरी रिपोर्ट मांगी है. केंद्र इस मामले की जांच करेगा और उचित कार्रवाई करेगा. 


Tirupati Laddu: तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में बीफ और मछली का हो रहा उपयोग!


जेपी नड्डा ने कहा कि नायडू ने दावा किया है कि पिछली जगन मोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू बनाने के लिए पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. इसके साथ ही कहा कि इस दावे के बाद एक बड़ा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया है. युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने कहा कि मुख्यमंत्री राजनीतिक लाभ के लिए 'घृणित आरोप' लगा रहे हैं, जबकि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने इस दावे के समर्थन में एक प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रसारित की है.


मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती 100 दिन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए नड्डा ने कहा, 'मुझे सोशल मीडिया के जरिए इस मुद्दे के बारे में पता चला. मैंने आज चंद्रबाबू नायडू से बात की और पूरी रिपोर्ट भेजने को कहा है'. उन्होंने कहा, 'रिपोर्ट मिलने के बाद इसकी जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी. 


Tirupati Laddu: हिंदू देवी-देवताओं और मंदिरों से हट जाएगा सरकार का नियंत्रण?


ये लड्डू साइज में छोटा होता है, जिसे मंदिर आने वाले तीर्थयात्रियों को रेगुलर बांटा जाता है. एक लड्डू लगभग 40 ग्राम का होता है. ये लड्डू दर्शन समाप्त करने और मंदिर से बाहर आने पर सभी को प्रसाद के रूप में निःशुल्क दिया जाता है.


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