सुनील नागपाल/फाजिल्का: पंजाब में फाजिल्का के सरकारी अस्पताल में मरीजों को कई दिनों तक ऑपरेशन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है, क्योंकि इमरजेंसी में सभी डाक्टरों के पद खाली पड़े हैं. कई डॉक्टर छुट्टी पर हैं. विशेषज्ञ डॉक्टर ऑपरेशन छोड़ इमरजेंसी में अपनी सेवाएं देने के लिए मजबूर हैं, जिस वजह से अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं का तख्ता पलट गया है. 


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अस्पताल में अपने भाई के इलाज के लिए पहुंचे सोनू ने बताया कि पिछले 9 दिन से वह सरकारी अस्पताल में अपने भाई के इलाज के लिए बैठा है जो लगातार दर्द से तड़प रहा है, लेकिन अभी तक उसका ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है. सोनू ने बताया कि डाक्टर इलाज ना करने का कारण डॉक्टर्स की कमी होना बता रहे हैं. वहीं, मरीज जय सिंह ने बताया कि उसके पांव पर चोट लगी है, जिसका ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है. जब वह नंबर आने पर ऑपरेशन थिएटर पहुंचे तो डॉक्टर को इमरजेंसी में बुला लिया गया और उनका ऑपरेशन नहीं हो पाया. 


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जबकि अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डाक्टर निशांत सेतिया का कहना है कि इमरजेंसी में लगी ड्यूटी की वजह से उनकी ओपीडी और ऑपरेशन की सेवाएं प्रभावित हो रही हैं, जिस वजह से मरीज परेशान हैं, लेकिन वह अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं, जितना हो सकता है एक दो ऑपरेशन भी किए जा रहे हैं. 


इस पूरे मामले को लेकर जब अस्पताल के SMO डॉक्टर एरिक से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि इमरजेंसी में मेडिकल ऑफिसर के 9 पद खाली हैं. कुछ डॉक्टर लंबी छुट्टी पर हैं. यही वजह है कि विशेषज्ञ डॉक्टर्स की ड्यूटी लगा कर इमरजेंसी को चलाया जा रहा है. हालांकि इस मामले को लेकर विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखा गया है, जिनसे जल्द ही स्वास्थ्य सिस्टम को ठीक करने की अपील की जा रही है. 


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अब यहां सवाल खड़े होते हैं कि एक तरफ लोकसभा चुनाव में हर सियासी पार्टी कई दावों और वादों के दम पर लोगों से वोट मांग रही है, लेकिन इसी बीच फाजिल्का जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं के हालात ठीक ना होने के चलते सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिरकार यह हालात उन नेताओं को क्यों नहीं नजर आतीं जो लोगों से चुनावी दावे और वादों के नाम पर वोट मांगते हैं.


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