Sawan 2023 Special, Story behind historic Shiv Temple in Punjab's Rajpura, Nalas Mandir news in Hindi: शिव शंकर भोलेनाथ के पावन पवित्र 'सावन' के दिनों की शुरुआत हो गई है. ऐसे में आइए भगवान भोलेनाथ के पवित्र धाम जो कि पंजाब के राजपुरा के पास नलास में बना हुआ है, उसके बारे में जानते हैं. यहां लाखों श्रद्धालु देश-प्रदेश से आकर नतमस्तक होते हैं और अपनी मुरादें को पूरा करते हैं. 


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यहां के पुजारी भगत सिंह ने बताया क़रीब 500 वर्ष पहले किसी ने एक गाय रखी हुई थी जो गाय जंगल में जाया करती थी. जब वह वापस आती थी तो उसका दूध ख़त्म होता था जिसकी वजह से उसका मालिक हैरान था कि दूध कहां जाता है. एक बार उसने गाय का पीछा किया, तो पाया कि गाय जंगल में एक जगह खड़ी होती है और उसका पूरा दूध वहां पर निकल जाता था. 


वह बहुत ज़्यादा आश्चर्यचकित हुआ और उसने ये बात अन्य लोगों को बताई. जब जंगल में जाकर उस जगह पर खुदाई की गई, जहां गाय खड़ी होती थी, वहां पाया गया कि नीचे शिव की पिंडी थी. इसकी जानकारी महाराजा पटियाला को मिली तो उन्होने यहां पर एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया. 


उसके बाद अब इस मंदिर को इन्द्र गिरि जी महाराज और लाल गिरी जी महाराज की ओर से पूरी तरह से संगमरमर का भव्य नया मंदिर बनाया गया है और भगवान भोलेनाथ की क़रीब 200 फुट ऊंची मूर्ति भी लगायी गई है. 


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इस बार पावन सावन 4 जुलाई से शुरू हो गया है और समापन 31 अगस्त, गुरुवार के दिन होगा. इस बार भक्तों को भगवान शिव की उपासना के लिए कुल 58 दिन मिलेंगे. यह शुभ संयोग 19 साल बाद बन रहा है. इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक सावन अधिकमास रहने वाला है. इस बार 18 जुलाई से 16 अगस्त तक मलमास रहेगा, यानी इस बार सावन में भगवान शिव के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी.


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