चंडीगढ़-  गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन भगवान विष्णु की सच्चे दिल से पूजा-अर्चना की जाए, तो जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. अगर आप पहली बार भगवान विष्णु के व्रत रखने की सोच रहे हैं, तो बता दें कि व्रत के कुछ नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है. 


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माना जाता है कि गुरुवार के दिन व्रत करने व कथा सुनने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है. ग्रंथों में उल्लेख है कि अगर व्रत के दिन नियमों का पालन न किया जाए, तो भगवान श्री हरि विष्णु नाराज भी हो जाते हैं. ऐसे में इन चीजों का हमेशा ध्यान रखें.


गुरुवार के दिन सुर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें. बता दें कि विष्णु जी को पीला रंग अधिक प्रिय था. इसलिए उनके आगे पीले फूल और पीले रंग के फलों का भोग लगाएं. भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें दीप-धूप दिखाएं. इसके बाद विष्णु जी की आरती जरूर करें. गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है, इसलिए केले के पेड़ की पूजा जरूर करें.


इस दिन शुरू करें व्रत...


अगर आप पहली बार गुरुवार का व्रत रखने जा रहे हैं तो पौष माह से गुरुवार व्रत की शुरुआत करें. अगर गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो इस दिन व्रत शुरू करना काफी अच्छा माना जाता है. 


अगर आप गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना करते हैं तो उस दिन केले का सेवन भूलकर भी न करें. 


मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने के बाद गुड़, पीला कपड़ा, चने की दाल और केला भगवान को अर्पित करने के बाद गरीबों में दान दे दें. 


अगर आप गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का व्रत कर रहे हैं, तो उस दिन पीला भोजन ही ग्रहण करें. कहते हैं इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. इस दिन भूलकर भी काली दाल की खिचड़ी और चावल का सेवन न करें. 


मान्यता है कि गुरुवार के दिन नाखून और बाल काटने से कुंडली में मौजूद गुरू कमजोर होता है. वहीं, इससे धन हानि भी होती है. महिलाओं को इस दिन बाल और कपड़े धोने की भी मनाही होती है.