कोमल लता/मंडी: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) का पर्व मनाया जाता है. वैसे तो हर माह शिवरात्रि आती है, लेकिन इस शिवरात्रि (Shivratri 2023) का खास महत्व होता है ऐसा इसलिए क्योंकि इसी दिन भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन भक्त उपवास कर विधिवत शिवजी और माता पार्वती की आराधना करते (Maha Shivratri Puja) हैं. 


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मंडी में अंतराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का किया जाएगा आयोजन
शिवरात्रि से पहले हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में अंतराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया जाता है. ऐसे में इस महोत्सव की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने भी कमर कस ली है, जिसे लेकर मंडी के विपशा सदन भ्युलि में जिला प्रशासन द्वारा आम सभा का आयोजन किया गया. इस सभा की अध्यक्षता करते हुए धर्मपुर के विधायक चंद्र शेखर ने सभा की सहमति से शिवरात्रि की संध्या रात्रि का स्थान बदलने का निर्णय लिया. इसके साथ ही देवी-देवता के नजराना, खाने पीने और रहने की व्यवस्था का पूरा ख्याल रखने को लेकर चर्चा की. 


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देवी-देवताओं का किया जाएगा सम्मान
इस दौरान देव समाज को आश्वास्त करते हुए कहा कि देवी-देवताओं के सम्मान का पूरा ख्याल रखा जाएगा. देव समाज के अध्यक्ष शिव पाल शर्मा ने इस दौरान नजराने में 15.20 प्रतिशत इजाफे की मांग की है. चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार व्यवस्था परिवर्तन के लिए बनी है. इस मेले में भी उचित व्यवस्था का ध्यान रख कर मेले का आयोजन किया जाएगा.


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दिव्यांगजनों की हर संभव मदद करने का रहेगा प्रयास
उन्होंने कहा कि इस बार मोबाइल, शौचालय, देवलुओं और वाहनों के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी. वहीं उन्होंने मंडी के कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए आगे लाने की बात कही. इसके साथ ही मेले के दौरान दिव्यांग लोगों के लिए हर संभव सहायता की करने की बात कही. सांस्कृतिक संध्याओं को लेकर उन्होंने कहा कि सभी वर्गों को ध्यान में रखकर संध्याए करवाई जाएगी.


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