Ganesh Lakshmi Pujan story: जब भी कोई मांगलिक कार्य किया जाता है तो उससे पहले भगवान गणेश की पूजा करना शुभ माना जाता है, लेकिन अक्सर मां लक्ष्मी के साथ गणेश जी पूजा की जाती है. इसके पीछे एक पौणारिक कथा बहुत प्रचलित है.
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Lakshmi Ganesh Puja story: हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा किए बिना कोई भी मांगलिक कार्य अधूरा माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा करना जरूरी होता है. गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है. मान्यता है कि गणेश जी लोगों को बुद्धि और विवेक प्रदान करते हैं.
मनुष्य को बर्बाद होने से बचाते हैं भगवान गणेश
कहा जाता है कि जब किसी व्यक्ति के पास भरपूर धन और वैभव होता है तो वह कई बार जीवन में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठता है, जिनका समाधान भी बहुत मुश्किल होता है और ऐसा तभी होता है जब मनुष्य के पास धन तो भरपूर होता है, लेकिन बुद्धि का अभाव होता है. ऐसे में भगवान गणेश ही हैं जो लोगों को बुद्धि और विवेद प्रदान कर उसे बर्बाद होने से बचाते हैं.
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यह है पौराणिक कथा
यह तो आप सभी को मालूम है कि गणेश जी भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं, लेकिन यह बात बहुत कम लोगों को ही मालूम है कि गणेश जी मां लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं. मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की एक साथ पूजा करने के पीछे एक पौणारिक कथा बहुत प्रचलित है, जिसके अनुसार, एक बार मां लक्ष्मी को इस बात का अभिमान हो गया था कि सारा जगत उनकी पूजा करता है. जब भगवान विष्णु ने यह महसूस किया तो उन्होंने लक्ष्मी जी से कहा कि देवी भले ही सारा जगत आपकी कृपा पाना चाहता है और आपकी पूजा करता है, लेकिन आप अभी भी अपूर्ण हैं.
गणेश जी को इसलिए कहा जाता है मां लक्ष्मी का दत्तक पुत्र
जब मां लक्ष्मी ने विष्णु जी से इसकी वजह पूछी तो भगवान विष्णु ने कहा कि जब तक किसी स्त्री को संतान नहीं होती तब तक वह अधूरी होती है. यह जानकर मां लक्ष्मी ने सारी बात अपनी सखी पार्वती जी को बताई और कहा कि वह अपने दोनों पुत्र गणेश या फिर कार्तिकेय में से एक को उन्हें गोद दे दें. इसके बाद मां ने अपनी सखी लक्ष्मी जी का दुख दूर करने के लिए गणेश जी को उन्हें गोद दे दिया.
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इसलिए की जाती है मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा
गणेश जी को पुत्र रूप में पाकर मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न हुईं और उन्होंने गणेश जी को वरदान देते हुए कहा कि आज से संसार में मेरे साथ तुम्हारी भी पूजा होगी. तुम्हारे बिना मेरी पूजा अधूरी और अस्वीकार होगी और जो मेरे साथ तुम्हारी पूजा नहीं करेगा मैं उस स्थान पर नहीं रहूंगी.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. जी न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता.)
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