Agneepath yojna के विरोध में धर्मशाला में निकाली गई तिरंगा यात्रा, सरकार पर लगाए आरोप
युवाओं ने भी अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि वो पहले ही भर्ती एडेंट कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी लिखित परीक्षा नहीं हुई है. सरकार पहले लिखित परीक्षा कराए. उसके बाद ही आगे की कार्रवाई अमल में लाएं.
विपन कुमार/धर्मशाला: शाहपुर के भडियाड़ा वार्ड से जिला परिषद सदस्य जितेंद्र पंकू की अगुवाई में आज धर्मशाला में तिरंगा यात्रा निकाली गई. यह यात्रा शहीद स्मार्क से होते हुए जिलाधीश कार्यालय तक निकाली गई. इस तिरंगा यात्रा में कांगड़ा के उन नौजवानों ने भी हिस्सा लिया जिनकी साल 2018 में आर्मी में भर्ती हुई थी. इसके बावजूद उनकी आज तक कोई लिखित परीक्षा नहीं हो पाई है. कई मीटर लंबा तिरंगा लेकर सड़कों पर निकले.
धर्मशाला में किसी युवा नहीं की तोड़फोड़
इन युवाओं ने सरकार के प्रति अपना रोष व्यक्त करते हुए तुरंत पहले ली गई भर्ती प्रक्रिया को मुकम्मल करने की मांग की. उसके बाद अग्निपथ योजना को लागू करने की अपील की. जितेंद्र पंकू ने कहा कि केंद्र सरकार अग्निपथ योजना को शौक से लागू करे, लेकिन इससे पहले पुरानी भर्ती को पूरा करे. उसके बाद ही आगे की कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि आज वह कांगड़ा के सांसद और जिलाधीश को ज्ञापन सौंपने आए हैं. हिमाचल जैसी वीरभूमि में जिन युवाओं के खिलाफ मुकद्दमें दर्ज किए गये हैं उन्हें तुरंत वापस लिया जाए क्योंकि यहां किसी भी युवा ने कोई तोड़फोड़ नहीं की है और न ही किसी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है.
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सासंद को ज्ञापन सौंपने की कही बात
उन्होंने कहा कि यह सरकारी संपत्ति सरकार की ही नहीं हमारी भी है. उसे नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए वह इसकी निंदा करते हैं, लेकिन यहां ऐसा कुछ भी न होने के बावजूद युवाओं के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं जो सरासर गलत है. उन्होंने जिलाधीश को ज्ञापन सौंपकर सरकार से मांग की है कि युवाओं के भविष्य के साथ खिलावाड़ न किया जाए. वहीं उन्होंने सांसद किशन कपूर को भी ज्ञापन सौंपने की बात कही ताकि वो भी केंद्र में यहां के युवाओं का दर्द बयान कर सकें. उन्होंने सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पहले से ही कई विभागों में वैकेंसी चली हुई हैं. वहां अब तक कोई पद नहीं भरे गए हैं. सीएम किस संदर्भ में कह रहे हैं कि अग्निवीरों को हिमाचल में नौकरियां मिलेंगी.
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पुरानी लिखित परीक्षा कराए सरकार
वहीं युवाओं ने भी अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि वो पहले ही भर्ती एडेंट कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी लिखित परीक्षा नहीं हुई है. सरकार पहले लिखित परीक्षा कराए. उसके बाद ही आगे की कार्रवाई अमल में लाएं क्योंकि अगर वो नहीं होती तो बहुत से युवा ओवरेज हो जाएंगे. उसके बाद उनके लिए आर्मी में जाने का कोई मतलब ही नहीं रहेगा.
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