विपन कुमार/धर्मशाला: हिमाचल प्रदेश में पशुओं के समूह की निगरानी के लिए खास व्यवस्था की गई है. प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में पहली बार पशुओं के समूह की निगरानी करने के लिए ऑलफ्लेक्स प्रणाली स्थापित की गई है, जिसमें 20 गायों के लिए सेंसरयुक्त बैड लगाए गए हैं. इनसे 100 मीटर के दायरे में करीब 5 हजार पशुओं की निगरानी की सा सकेगी. बता दें, यह सुविधा सबसे पहले हिमाचल प्रदेश में स्थापित की गई है.


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ऐसे काम करती है ऑलफ्लेक्स प्रणाली            
कुलपति प्रोफेसर हरिंद्र कुमार ने इस संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि ऑलफ्लेक्स प्रणाली गाय के स्वास्थ्य, जुगाली और प्रजनन स्थिति के बारे में वास्तविक समय के आधार पर संकेत प्रसारित करती है. यह कर्मचारियों के मोबाइल फोन पर अलर्ट देता है. अगर कोई पशु कृत्रिम गर्भाधान के लिए गर्माने पर है या पशु को पाचन संबंधी कोई परेशानी हो रही है तो ये सेंसर जानवरों की स्थिति, गतिविधि और स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी करते हैं और फिर इसे स्थित ट्रांसमीटर के माध्यम से कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित सॉफ्टवेयर में संचारित करते हैं, जो वास्तविक समय के आधार पर संकेतों की व्याख्या करता है.


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ऑलफ्लेक्स प्रणाली किया जाएगा और मजबूत
यह सिस्टम इन संकेतों का विश्लेषण करता है और फार्म मैनेजर को उसके मोबाइल फोन पर पशुओं के स्वास्थ्य, गर्भपात की संभावना आदि के बारे में नियमित संदेश देता है. ऐसे में इस तरह के अलर्ट मिलने पर फार्म मैनेजर संकेतों की जांच करते हुए आवश्यक कदम उठा सकता है. कुलपति ने कहा कि आगे और पशुओं पर भी इस प्रणाली का प्रयोग किया जाएगा. डेयरी इकाई किसानों एवं अन्य लोगों के लिए मॉडल प्रदर्शन इकाई बने, इसके लिए कुलपति प्रोफेसर हरिंद्र कुमार ने इस प्रणाली को और मजबूत करने के निर्देश जारी कर दिए हैं.


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विभागाध्यक्ष पशुधन फार्म परिसर, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर डॉ. एस कटोच ने बताया कि शुरुआत में 20 गायों के गले में यह बैंड पहनाया गया है. उन्होंने कहा कि यह कृत्रिम बुद्धिमान आधारित स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली 100 मीटर की हवाई दूरी के साथ 5 पांच जानवरों को कवर कर सकती है. उन्होंने कहा कि दुधारू पशुओं के कल्याण के लिए डेयरी इकाई में म्यूजिक सिस्टम और ऑटोमेटिक ग्रूमर भी स्थापित किया गया है.


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