तूल पकड़ता जा रहा बिलासपुर का सीमेंट कंपनी और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच चल रहा विवाद
Bilaspur News: बिलासपुर स्थित सीमेंट प्लांट बरमाना प्रबंधन व ट्रक ऑपरेटर्स के बीच माल ढुलाई भाड़े को लेकर चल रहे विवाद के बीच भाजपा कार्यकर्ताओं ने ट्रक ऑपरेटर्स के समर्थन में बरमाना चौक पर जमकर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने प्रदेश सरकार को ट्रक ऑपरेटर्स की मांगी पूरी करने को भी कहा.
विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में जिला बिलासपुर स्थित गगल सीमेंट प्रबंधन व ट्रक ऑपरेटर्स के बीच माल ढुलाई भाड़े को लेकर चल रहा विवाद अभी तक थमता नजर नहीं आ रहा है. सीमेंट प्लांट को बंद हुए 40 दिन हो चुके हैं. ऐसे में सीमेंट कंपनी प्रबंधन के खिलाफ ट्रक ऑपरेटर्स सहित राजनैतिक दलों के नेता लगातार धरना प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे हैं.
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे 205 किया जाम
इसी के मद्देनजर आज भाजपा कार्यकर्ताओं ने बिलासपुर सदर विधायक त्रिलोक जम्वाल की अध्यक्षता में ट्रक ऑपरेटर्स के पक्ष में सीमेंट कंपनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सीमेंट कंपनी के मुख्य गेट से बीडीटीएस चौक तक कंपनी प्रबंधन और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन किया. इतना ही नहीं इन सभी कार्यकर्ताओं ने चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाइवे 205 और बीडीटीएस चौक पर करीब 1 घंटा चक्का जाम रखा.
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प्रदेश सरकार को दी चुनौती
वहीं बिलासपुर सदर विधायक त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता ट्रक ऑपरेटर्स के साथ हैं. आज उन्होंने सीमेंट कंपनी प्रबंधन व प्रदेश सरकार के खिलाफ सांकेतिक धरना दिया है. उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आने वाले समय में जल्द ही सीमेंट प्लांट नहीं खुलता और ट्रक ऑपरेटर्स की मांगे पूरी नहीं होती हैं तो बिलासपुर में भी चक्का जाम किया जाएगा.
पूर्व सांसद सुरेश चंदेल ने आंदोलन जारी रखने की कही बात
इसके अलावा पूर्व सांसद सुरेश चंदेल ने भी भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा ट्रक ऑपरेटर्स को अपना समर्थन देते हुए आगे भी कंपनी प्रबंधन व प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी रखने की बात कही है.
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उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने कही थी यह बात
कुछ समय पहले उद्योग मंत्री हर्षवर्धन का बयान भी सामने आया था. उन्होंने कहा था कि इस मामले में सरकार का कोई रोल नहीं है. यह विवाद ट्रांसपोटर्स और कंपनी के बीच का है. हम कोशिश करेंगे कि जल्द से जल्द विवाद सुलझ जाए क्योंकि इससे स्थानीय लोगों को करोडों का नुकसान हो रहा है. कई लोग सीमेंट प्लांट बंद होने से बेरोजगार भी हुए हैं. सरकार इसमें मध्यस्था कर रही है.
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