विजय भारद्वाज/बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश में अडानी ग्रुप प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच चल रहा माल ढुलाई भाड़ा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. बिलासपुर के बरमाणा गगल सीमेंट प्लांट और सोलन के दाड़लाघाट सीमेंट प्लांट को बंद हुए 50 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन  माल ढुलाई किराए पर अभी तक कोई सहमति बनती नजर नहीं आ रही है. 


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आज शाम 5 बजे होगी बैठक
प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह ने भी इस मामले को सुलझाने के लिए सीमेंट कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑपरेटर्स के साथ बैठकें कर आपसी सहमति बनाने की कोशिश की, लेकिन यह मामला सुलझने के बजाए और उलझता जा रहा है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उद्योग मंत्री ने आज शाम 5 बजे ट्रक ऑपरेटर्स व कंपनी प्रबंधन को इस विवाद पर वार्ता के लिए बुलाया है. इस बैठक में हर बार की तरह आज भी दोनों पक्षों में एक रेट पर सहमति बनाने की कोशिश जाएगी. 


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वहीं, शिमला में आयोजित बैठक से पहले बीडीटीएस बरमाणा के पदाधिकारियों ने सरकार द्वारा दिए गए रेट पर सभी ट्रक ऑपरेटर्स से बैठक कर चर्चा की है. इस दौरान बीडीटीएस अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि ट्रक ऑपरेटर्स से बैठक कर उनकी सहमति ली गई है कि आज शाम की बैठक में एक रेट पर चर्चा की जाए ताकि जल्द से जल्द सीमेंट प्लांट खुल सके और ट्रक ऑपरेटर्स को पहले की तरह रोजगार मिल सके. 


सरकार कर रही विवाद सुलझाने का प्रयास
वहीं बीडीटीएस के पूर्व अध्यक्ष जीतराम गौतम ने कहा कि बीते 50 दिन से सीमेंट प्लांट बंद है, जिससे ट्रक ऑपरेटर्स, चालक इससे जुड़े दुकानदारों और ढाबा संचालकों की हालत खराब हो गई है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार के रेवेन्यू पर भी खासा असर पड़ रहा है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए उनकी कोशिश है कि माल ढुलाई भाड़े को लेकर चल रहे इस विवाद को जल्द सुलझाया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार ट्रक ऑपरेटर्स के पक्ष में है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि आज की चर्चा ट्रक ऑपरेटर्स और कंपनी दोनों के फायदे को ध्यान में रखकर होगी.


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क्या है ट्रक ऑपरेटर्स की मांग
बता दें, ट्रक ऑपरेटर्स द्वारा माल ढुलाई भाड़े को लेकर 11 रुपये से 41 पैसे प्रति किलोमीटर की डिमांड रखी गई है. प्रदेश सरकार 10 रुपये  20 पैसे के बीच सहमति बनाने की कोशिश कर रही है, जिस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मध्यस्ता में ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन व कंपनी प्रबंधन की बैठक होगी, जिसमें एक रेट तय करने पर चर्चा की जाएगी.


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