Himachal: उच्च शिक्षा के लिए बेटियों को दी जा रही आर्थिक सहायता, ऊना में दी गई इतनी धनराशि
Himachal Pradesh: ऊना में आज राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य पर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बेटी और बेटे के बीच होने वाले भेदभाव को खत्म करने की बात कहते हुए उनकी शिक्षा पर जोर देने को कहा.
राकेश मल्ही/ऊना: राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य पर आज जिला कार्यक्रम अधिकारी के कॉन्फ्रेस हॉल में जिला स्तरीय समारोह आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने की. इस मौके पर राघव शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य बच्चियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है. देश में बालिका दिवस मनाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य लड़कियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के प्रति जागरूक करना है.
क्यों कराया जाता है राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम?
राघव शर्मा ने कहा कि साल 2015 में बेटियों का लिंगानुपात कम होने के चलते जिला को 'बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं' अभियान में जोड़ा गया था. इस अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसमें लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक किया गया. वर्तमान में बेटियों का लिंगानुपात 938 तक पहुंच गया है. देश में लिंगानुपात में समानता लाने, बेटियों की सुरक्षा और कन्याभ्रूण हत्या को रोकने के उद्देश्य से राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम आयोजित किया जाता है ताकि अधिक से अधिक लोगों को बेटियों के प्रति जागरूक किया जा सके.
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उच्च शिक्षा के लिए बेटियों को दी जा रही आर्थिक सहायता
उपायुक्त ने बताया कि जिला में 'बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं' अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गईं, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं. इसके लिए उन्होंने आंगनवाडी वर्कर, सुपरवाईजर, हेल्पर और आईसीडीएस की पूरी टीम को बधाई दी. उन्होंने कहा कि जिला में विभिन्न योजनाओं के तहत बेटियों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जा रही है.
बेटा-बेटी के भेदभाव को करना चाहिए खत्म
इसके अलावा बेटियों को गोद लेने वाले माता-पिता और महिला उद्यमियों को भी सम्मानित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में बेटियां शिक्षा और खेल के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में काफी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर माता-पिता के साथ-साथ समाज का नाम रौशन कर रही हैं. समाज में बेहतर परिवर्तन के लिए सभी को बेटा-बेटी के भेदभाव को खत्म करना होगा.
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इस अवसर पर गरिमा योजना और सम्बल योजना के तहत 4 लाख 57 हजार 571 रुपये की आर्थिक सहायता राशि के चैक वितरित किए गए. इसके साथ ही बेटियों को गोद लेने वाले माता-पिता को बेटियों के नाम 21-21 हजार रुपये की एफडीआर के चैक वितरित किए गए. इसके साथ ही उपायुक्त ने फूड कोर्ट चला रही महिला उद्यमी सपना देवी और ऑटो रिक्शा चलाने वाली वंदना राणा को भी सम्मानित किया.
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