समीक्षा कुमारी/शिमला: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा, जिसके बाद इन दिनों इस मंत्री के आरोपों का बेनामी पत्र चर्चाओं में हैं. बताया जा रहा है कि सीएम कार्यालय के ही एक कर्मचारी ने ये पत्र प्रधानमंत्री को लिखा गया है, जिसमें करोड़ो रुपये के लेन-देन के आरोप लगाए गए हैं. इसकी जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से करवाने की मांग की गई है. वहीं, इस पत्र को लेकर विपक्ष भी मुखर हो गया है. विपक्ष मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस मामले की जांच करवाने की मांग कर रहा है.


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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की ओर से मुख्यमंत्री सुक्खू से इस मामले में छानबीन कर प्रदेश की जनता के समक्ष सच्चाई रखने की मांग की गई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. इसे लेकर लिखित रूप से एक पत्र भी काफी वायरल हो रहा है. पूरे प्रदेश में इसे लेकर चर्चा भी हो रही है. हालांकि पत्र किसने लिखा है. इसकी जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन यह जांच का विषय है. 


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सचिवालय में कर्मचारियों पर उठ रहे सवाल 
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री इस मामले की जांच करें और लोगों के सामने स्पष्ट करें कि पूरा मामला क्या है? उन्होंने कहा कि सचिवालय में काफी समय से कर्मचारियों पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री इस मामले की छानबीन करवाएं और लोगों के सामने पूरा सच लेकर आएं. 


सीएम सुक्खू से किया आग्रह
इसके साथ ही इन आरोपों की सच्चाई भी जनता के सामने लेकर आएं. उन्होंने कहा कि आज से पहले भी कई गुमनाम पत्र वायरल होते रहे हैं, लेकिन इस इसमें लेटर में गंभीर आरोप लगे हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू इस मामले की जांच करवाएं ताकि लोगों को इस मामले से जुड़े पूरे सच का पता चल सके. 


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कई अन्य मामलों में भी लगे आरोप 
बता दें, सचिवालय में सीएम कार्यालय के अधिकारी पर पैसे के लेन को लेकर एक पत्र इन दिनों खूब वारयल हो रहा है, जिसमें गंभीर आरोप लगे हैं और पावर प्रोजेक्ट में पैसे के लेनदेन के अलावा अन्य मामलों में भी अधिकारी पर पैसे के लेने देने के आरोप लगाए गए हैं, हालांकि पत्र किसने लिखा है इसका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है, लेकिन अब विपक्ष इस मामले को लेकर जांच की मांग कर रहा है. 


वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि वायरल हो रहे इस पत्र में कोई सच्चाई नहीं है. सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.


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