विजय राणा/चंडीगढ़: राजधानी चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता कर 'हरियाणा बनाओ' अभियान के संयोजक और पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष रणधीर सिंह बधरान के साथ कई प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में हरियाणा की नई राजधानी और अलग हाईकोर्ट की जोरदार मांग उठाई गई.


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रणधीर सिंह बधरान ने कहा कि हरियाणा को पंजाब से अलग हुए 57 साल हो गए हैं, लेकिन दुर्भाग्य से इस क्षेत्र को अभी तक पूर्ण स्वायत्त राज्य का दर्जा नहीं मिल सका है, क्योंकि इसे अपनी अलग राजधानी और अलग हाईकोर्ट नहीं मिला है.


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संयुक्त पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बना दिया गया. बधरान ने कहा कि हरियाणा के महत्वपूर्ण मुद्दे को उजागर करने के लिए समाज के अन्य वर्गों को भी शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा है. हरियाणा के पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों, हाईकोर्ट के पूर्व जजों और वकीलों ने आज संयुक्त रूप से हरियाणा के लिए अलग हाईकोर्ट और अलग राजधानी की मांग की है.


हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह, पूर्व आईएएस एचसी चौधरी, पूर्व वाइस चांसलर राधे श्याम शर्मा, जसपाल शर्मा, एमएस चोपड़ा, रणवीर सिंह बधरण ने संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि हरियाणा की अलग राजधानी और अलग हाईकोर्ट की मांग एक सामाजिक मांग है. उन्होंने कहा कि भले ही वे अलग राजधानी और अलग हाई कोर्ट की मांग कर रहे हैं, लेकिन चंडीगढ़ पर हरियाणा का हक नहीं छोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का एकमात्र राज्य है, जिसकी अपनी राजधानी नहीं है और लोगों के विपरीत यहां राजभाषा चंडीगढ़ का प्रयोग किया जाता है.


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जस्टिस नवाब सिंह ने कहा कि रेलवे स्टेशन पंचकुला में बना है, लेकिन दुनिया के नक्शे पर इसे चंडीगढ़ का रेलवे स्टेशन कहा जाता है. इसी तरह एयरपोर्ट के लिए हरियाणा का योगदान भी है, लेकिन इसे मोहाली का एयरपोर्ट कहा जाता है.


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