Sky Glass walk bridge: हिमाचल प्रदेश का श्री नयनादेवी जी धाम  51 शक्तिपीठों में से एक है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां घूमने और मां के दर्शन करने आते हैं. शक्तिपीठ श्री नयनादेवी जी को अब टूरिज्म की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है. श्रद्धालुओं और पर्यटकों को जल्द ही यहां विदेशों जैसा नजारा देखने को मिलेगा. अब आप सोच रहे होंगे एक धार्मिक स्थल पर विदेशों जैसा नजारा कैसे, लेकिन यह बिल्कुल सच है. 


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9 महीने में हिमाचल प्रदेश का पहला स्काई ग्लास वॉक ब्रिज 
विश्वविख्यात शक्तिपीठ श्री नयनादेवी जी के पास करीब 9 महीने में हिमाचल प्रदेश का पहला स्काई ग्लास वॉक ब्रिज बनकर तैयार होने वाला है. जो यहां के पर्यटन को भी बढ़ावा देगा. इस पुल को बनाने के लिए सारा खर्च मंदिर न्यास उठाएगा. इसके लिए रैपिड एंड रोपवे सिस्टम डेवलपमेंट ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन शिमला की ओर से टेंडर भी जारी कर दिया गया है. माना जा रहा है कि स्काई ग्लास वॉक ब्रिज बनने से यह यहां वाले पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा. हालांकि शीशे से बना होने की वजह से ऊंचाई से नीचे का नजारा देखने पर आपको डर भी लगेगा, लेकिन हिमाचल की खूबसूरती को देख आपको खूब मजा भी आएगा.  


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70 फीट और चौड़ा और 15 फीट ऊंचा होगा ब्रिज 
हिमाचल प्रदेश में बनने जा रहे ग्लास ब्रिज से न सिर्फ धार्मिक बल्कि अन्य गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा. ब्रिज बनने की मंजूरी के लिए जिला प्रशासन ने सरकार के पास फाइल भी भेज दी है. इसके साथ ही फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट (एफसीए) की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है. बताया जा रहा है कि ग्लास ब्रिज की लंबाई 70 फीट और चौड़ाई 15 फीट होगी. 


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बिहार के नालंदा में मौजूद है ऐसा ही ग्लास ब्रिज
बता दें, हिमाचल में बनने जा रहे इस ब्रिज से पहले बिहार के नालंदा में भी ऐसा ही एक ब्रिज बनाया गया है. इस ब्रिज पर कोई भी आम आदमी जाकर शीशे के बने पुल पर वॉक करने का आनंद ले सकता है. नालंदा के इस पुल को 20 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया. इस ग्लास ब्रिज पर एक बार में 20 से 25 लोग वॉक कर सकते हैं. 


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