सुनील कुमार/सोनीपत: कुंडली थाना क्षेत्र में नाबालिग बहनों से सामूहिक दुष्कर्म करने और उन्हें जहरीला पदार्थ पिलाकर हत्या करने के मामले में अदालत ने चार आरोपितों को दोषी करार दिया है. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (फास्ट ट्रैक कोर्ट) सुरुचि अतरेजा सिंह की अदालत ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है. अदालत ने तकरीबन दो साल के समय अंतराल में फैसला सुनाते हुए इस मामले में चारों दोषियों पर फांसी के साथ 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. 


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बता दें, मूलरूप से बिहार की रहने वाली महिला ने 9 अगस्त 2021 को कुंडली थाना पुलिस में शिकायत देते हुए बताया था कि वह अपनी दो बेटियों और तीन बेटों के साथ कुंडली थाना क्षेत्र के गांव में किराए पर रहती है. उसने सबसे बड़ी बेटी और बेटे की शादी कर दी है, जहां वह किराए पर रहते हैं. उसी परिसर में अलग कमरे में बिहार के चार अन्य युवक भी रहते थे. 


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पीड़िता ने बताया कि वह 5 अगस्त, 2021 की रात कमरे में अपनी बेटियों के साथ सो रही थी, जिनमें से छोटी बेटी की उम्र 13 वर्ष और बड़ी बेटी की उम्र 15 साल है. इस दौरान उसके बेटे छत पर सो रहे थे. तभी देर रात करीब 12 बजे चार युवक जो मूलरूप से बिहार के जिला दरभंगा के रहने वाले हैं, वे अचानक उनके कमरे में घुस गए और उन्होंने उसकी बेटियों को दबोच लिया. इसके बाद चारों युवकों ने उसकी दोनों बेटियों के साथ दुष्कर्म किया और कमरे में रखा कीटनाशक पिला दिया, जिससे दोनों बेटियों की हालत बिगड़ गई.  


इतना ही नहीं शिकायत में बताया गया कि आरोपियों ने महिला को धमकी देते हुए कहा कि अगर उसने इस बारे में किसी को भी बताया तो वे उसके बेटों को जान से मार देंगे. आरोपियों की धमकी से डरकर महिला चुप रही और उसकी दोनों बेटियां दर्द से तड़पती रहीं, जब उनकी हालत ज्यादा बिगड़ी तो महिला सुबह करीब 4 बजे दोनों बेटियों को लेकर दिल्ली के नरेला स्थित राजा हरिश्चंद्र अस्पताल पहुंची, जहां उनकी मौत हो गई. जब उनका पोस्टमार्टम कराया गया तो रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि दोनों के साथ दुष्कर्म हुआ था.  


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पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद कुंडली थाना प्रभारी रवि की टीम में शामिल जांच अधिकारी उषा मलिक ने महिला से पूछताछ की. इसके बाद महिला की शिकायत के आधार पर चारों आरोपियों अरुण, फूलचंद, दुखन पंडित और राम सुहाग के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म, जहरीला पदार्थ खिलाकर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया गया. इस मामले में काफी समय तक चली सुनवाई के बाद एएसजे सुरुचि अतरेजा सिंह ने चारों आरोपितों को दोषी करार देते हुए आज फांसी की सजा सुना दी है.


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