इस मुस्लिम शख्स ने किया कारनामा, साइकिल को दे दिया नया रूप, देखने वालों की लगी भीड़
उत्तर प्रदेश के जिला हरदोई से ताल्लुक रखने वाले शफीक ने अपनी मेहनत से ई-साइकिल बनाई है. इसमें 25 हजार रुपये लग गए हैं.
कहते हैं ना जहां चाह वहां राह. इसी कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है हरदोई के रहने वाले अधेड़ उम्र के शख्स ने. हरदोई के रहने वाले एक शख्स ने अपनी मेहनत और लगन के चलते ई साइकिल तैयार कर दी. हरदोई के रहने वाले शफीक ने पेट्रोल के बढ़ते दामों से परेशान होकर एक साइकिल खरीदी थी. लेकिन बढ़ती उम्र के साथ साइकिल में पैडल मारना भी मुश्किलों भरा हो रहा था, तभी शफीक के दिमाग में आया कि क्यों ना एक इलेक्ट्रिक साइकिल बनाई जाए. जिसके बाद शफीक ने नई इलेक्ट्रिक साइकिल के निर्माण के लिए समान जुटाना शुरू कर दिया.
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साइकिल में फिट है मोटर
शफीक के पास जैसे ही सामान आया उन्होंने ई-साइकिल को बनाकर तैयार कर दिया. यह साइकिल दूसरी साईकिलों के मुकाबले काफी तेज चलती है. इसमें एक मोटर भी फिट है. साथ ही इस इलेक्ट्रिक साइकिल में एक लिथियम बैटरी को भी लगाई गई. शफीक की मेहनत व लगन से इलेक्ट्रिक साइकिल बनकर तैयार हो गई है, जो कि शहर से लेकर गांव तक में चर्चा का विषय बनी हुई है. सफीक जब इलेक्ट्रिक साइकिल लेकर सड़कों से निकलते हैं तो हर कोई शफीक को देखकर दंग रह जाता है. शफीक जहां रुक जाते हैं वहां लोगों की भीड़ जमा हो जाती है. लोग शरीफ से इलेक्ट्रिक साइकिल के बारे में जानकारियां लेते हैं.
ऐसे आया साइकिल का आइडिया
हरदोई शहर से लगे सधई बेहटा के रहने वाले शफीक ने साइकिल के पैडल से निजात पाने के लिए एक इलेक्ट्रिक साइकिल बना डाली. शफीक ने बताया कि उन्होंने इलेक्ट्रिक साइकिल के बारे में सुना था. जिसके बाद उन्होंने यूट्यूब पर देख कर इलेक्ट्रिक साइकिल को बनाने का सोचा. उन्होंने पहले इसमें इस्तेमाल होने वाली चीजों को देखा. साथ ही बनाने का तरीका भी जाना. सफीक ने इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने के लिए मध्य प्रदेश से लिथियम बैट्री और मोटर को मंगाया. जिसके बाद शफीक ने खुद से लिथियम बैटरी और मोटर का इस्तेमाल कर ईसाइकिल बनाई.
खर्च हुए 25000 हजार रुपये
शफीक बताते हैं कि उनकी यह इलेक्ट्रिक साइकिल लगभग 30 किलोमीटर चलती है. इसकी स्पीड लगभग 25 किलोमीटर प्रति घंटे की है. इलेक्ट्रिक साइकिल बनाने के लिए शफीक को लगभग 25 हजार रुपये खर्च करने पड़े. इलेक्ट्रिक साइकिल बनने के बाद उनको अब शहर से गांव, गांव से शहर आने जाने में कोई दिक्त नहीं होती है. शफीक ने बताया कि इस इलेक्ट्रिक साइकिल में सॉकर ना होने की वजह से किसी दूसरे शख्स को इस पर नहीं बैठा सकते हैं.