Dream 11 and My Circle 11: अगर आप क्रिकेट के बारे में थोड़ी सी भी जानकारी रखते हैं तो फिर ड्रीम इलेवन (Dream 11) और माय सर्कल इलेवन (My Circle 11) के बारे में भी जानते होंगे. नहीं जानते हैं तो फिर हम आपको बता देते हैं. दरअसल इस ऐप में यूजर क्रिकेट खेल रही दोनों टीमों में से 11 खिलाड़ी चुनने होते हैं, अगर वो बेहतर परफॉर्मेंस करते हैं तो फिर आपकी और आपके जैसे लाखों/करोड़ों यूजर्स के बीच रैंक तैयार होती है और आपको आपकी रैंक के हिसाब पैसे मिलते हैं. हालांकि इससे पहले आपसे एक तयशुदा रकम ली जाती है. इसमें ना सिर्फ क्रिकेट का खेल शामिल है बल्कि कई अन्य खेल भी शामिल होते हैं.


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इस खेल के टीवी पर आपने एड भी देखे होंगे. लेकिन क्या आपको पता है कि इस्लाम में यह खेल खेलना हराम है? ये हम नहीं कह रहे बल्कि दरगाह उस्ताद-ए-ज़मन ट्रस्ट की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है. ट्रस्ट के अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद कैफ रज़ा खान कादरी से जब इस बारे में जी सलाम ने बात की तो उन्होंने बताया कि हमसे बार-बार इस संबंध लोगों की तरफ से सवाल पूछे जा रहे थे. जिसके जवाब में हमारे ट्रस्ट मुफ्तियों और आलिमों से बातचीत के बाद यह विज्ञप्ति जारी गई है. 


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विज्ञप्ति में कहा गया है कि में लिखा गया है कि आईपीएल आते ही नौजवान नस्ल मोबाइल के जरिए ऑनलाइन फैंटेसी ऐप्स पर टीम बना कर पैसा लगाना शुरू कर देते हैं. बहुत से लोग कम जानकारी की वजह से महज खेल समझ कर इसमें पैसे लगा कर गुनाह में शामिल हो जाते हैं. उन्होंने आगे लिख,"मजहबे इस्लाम में जिस तरह जुआ और सट्टेबाजी से रकम हासिल करना हराम और जहन्नुम में ले जाने वाला काम है बिल्कुल उसी तरह ऑनलाइन फैंटेसी ऐप्स के जरिए पैसा लगाना भी नाजाइज व हराम है. क्योंकि यह भी एक किस्म का जुआ है और जूए या सट्टे में एक भी पैसा लगाने की इजाजत हमारा मजहब हमें नहीं देता.



विज्ञप्ति में आगे लिखा गया कि तमाम मुसलमानों ऑनलाइन फैंसटेसी ऐप्स से दूर रहें. इनमें पैसा न लगाएं वरना आप भी गुनाह में शामिल होंगे और जो लोग आज से पहले यह गेम खेल चुके हैं वह रमज़ान के इस मुबारक महीने में नेक और सच्चे दिल से तौबा करें और आइंदा इसमें पैसा न लगाने की पुख्ता नियत करें.


बता दें कि सोशली जरूरतंदों की मदद करने के लिए अग्रसर रहता है. रमजान के महीने में दरगाह उस्ताद-ए-ज़मन ट्रस्ट की तरफ जरूरतमंदों को सिर्फ एक फोन कॉल पर सेहरी का सामान पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा अस्पतालों में भी सेहरी भिजवाने का इस ट्रस्ट की तरफ किया जा रहा है. यह ट्रस्ट हर रोज सैंकड़ों की तादाद में सेहरी के खाने के पैकेट बांट रहे हैं. बड़ी बात यह है कि यह ट्रस्ट किसी भी तरह का चंदा लोगों से नहीं लेता. इस ट्रस्ट के अध्यक्ष और अन्य जिम्मेदार लोग अपने खुद के पैसों से समाज में भलाई का काम कर रहे हैं. 


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