नई दिल्लीः बॉलीवुड की अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री वहीदा रहमान (Waheeda Rahman) दादा साहब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award ) से नवाजी जाएंगी. वह पहले से ही पद्म श्री और पद्म भूषण सम्मान से पवाजी जा चुकी हैं. केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को इस बात का ऐलान किया है. उन्हें साल 2023 के दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा. भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में यह सबसे बड़ा पुरस्कार माना जाता है. मंत्री ने एक्स पर लिखा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी और सम्मान महसूस हो रहा है कि वहीदा रहमान को भारतीय सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए इस साल का प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है." 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

वहीदा रहमान का फिल्मी करिअर 
भारत के बेहतरीन अभिनेत्रियों में से एक वहीदा रहमान (Waheeda Rahman) को 'प्यासा’, 'सीआईडी’, 'गाइड’, 'कागज के फूल’, 'खामोशी’ और 'त्रिशूल’ जैसी फिल्मों के लिए याद किया जाता है. 85 वर्षीय रहमान ने अपने अदाकारी करियर की शुरुआत 1955 की तेलुगु फिल्मों 'रोजुलु मारायी’ और 'जयसिम्हा’ से की थी. उन्होंने 1956 में देव आनंद की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'सीआईडी’ से हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया था. पांच दशकों से ज्यादा के करियर में, रहमान ने विभिन्न भाषाओं में 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है. उन्हें 'रेशमा और शेरा’ (1971) में एक कुलवधू की भूमिका के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था. क्लासिक्स 'कागज के फूल’ और 'चौदहवीं का चांद’ के साथ-साथ 'कभी-कभी’ जैसी हिट फिल्मों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. रहमान को आखिरी बार 2021 की स्पोर्ट्स ड्रामा 'स्केटर गर्ल’ में देखा गया था.

पुरस्कार मिलने की घोषणा के बाद वहीदा रहमान ने कहा कि वह दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार पाकर रोमांचित हैं. उन्होंने इसे 'दोहरा जश्न’ बताया क्योंकि यह घोषणा उनके 'गाइड' के सह-कलाकार देव आनंद की 100वीं जयंती के अवसर पर की गई है. .रहमान ने हिंदी फिल्मों में गुरु दत्त की 1956 की फिल्म 'सीआईडी' में देव आनंद के साथ शुरुआत की थी और उनके साथ 'प्रेम पुजारी' और 'सोलवा साल' सहित कई अन्य हिट फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया है.


Zee Salaam