EOW Scam: बॉलीवुड स्टार गोविंदा की बढ़ी मुश्किल; इस मामले में EOW कर सकती है पूछताछ
Govinda News: फिल्म अदाकार गोविंदा से ओडिशा की इकोनॉमिक ऑफेंसेस विंग (EOW) एक हजार करोड़ रुपये के आनलाइन पोंजी स्कैम मामले में पूछताछ करेगी. इल्जाम है कि सोलर टेकनो अलायंस नाम की कंपनी ने भारत में 2 लाख लोगों से हज़ार करोड़ की धोखाधड़ी की है. हालांकि इस मामले में गोविंदा पर कोई आरोप नहीं हैं, उनसे सिर्फ तफ्तीश की जा सकती है.
Govinda Online Ponzi Scheme: बॉलीवुड के छोटे मियां यानी गोविंदा की मुश्किल बढ़ सकती है. दरअसल एक्टर गोविंदा विवादों में घिरते हुए नजर आ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक, करोड़ों रुपये के क्रिप्टो-पोंजी घोटाले में ओडिशा आर्थिक अपराध शाखा (EOW) गोविंदा से छानबीन कर सकती है. इसी के साथ गोविंदा की मुश्किलों में इजाफा हो सकता है. ओडिशा क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा एक हजार करोड़ रुपये के ऑनलाइन क्रिप्टो पोंजी घोटाले के सिलसिले में बॉलीवुड सुपरस्टार गोविंदा से तफ्तीश कर सकती है.
गोविंदा से हो सकती है छानबीन
ईओडब्ल्यू ने 'एसटीए (सोलर टेक्नो अलायंस) टोकन' से संचालित बड़े पैमाने पर अखिल भारतीय घोटाले का खुलासा किया. इस साल अगस्त में इसके भारत प्रमुख गुरतेज सिंह सिद्धू को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था. आर्थिक अपराध शाखा ने सोलर टेक्नो एलायंस की ओडिशा टीम के चीफ निरोद दास को भी गिरफ्तार किया है. ईओडब्ल्यू के महानिरीक्षक जेएन पंकज ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हम अदाकार गोविंदा से जांच-पड़ताल करेंगे, जिन्होंने जुलाई में गोवा के एक आलीशान फाइव स्टार होटल (बैंक्वेट हॉल) में आयोजित एसटीए के एक मेगा प्रोग्राम में शिरकत की थी.
मामले की जांच जारी
इस मीटिंग में ओडिशा के कई लोगों समेत एक हजार से ज्यादा अप-लाइन सदस्यों ने हिस्सा लिया. फिल्म स्टार गोविंदा ने भी एसटीए को प्रमोट करते हुए कुछ वीडियो जारी किए थे. अधिकारी ने बताया कि हम घोटाले में उनकी संलिप्तता के बारे में पता लगाने की कोशिश करेंगे. अगर हमें उनकी संलिप्तता सिर्फ समर्थन तक सीमित लगती है तो हम मामले में उन्हें गवाह के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि ईओडब्ल्यू को गोविंदा से पूछताछ करने से पहले एसटीए के कई अन्य सदस्यों से भी पूछताछ करनी है, जो अभी भी फरार हैं, जो फिलहाल उसकी प्राथमिकता लिस्ट में नहीं है.
कई लोगों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी
उन्होंने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा की अलग-अलग टीमें एसटीए के फाइनेंस और तकनीकी प्रमुख सहित मास्टरमाइंड गुरतेज के फरार मुख्य सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए जल्द ही पंजाब, राजस्थान और गुजरात का दौरा करेंगी. बाद में, हम कंपनी के राज्य प्रमुखों को भी गिरफ्तार करेंगे. उन्होंने कहा कि ओडिशा पुलिस के घोटाला उजागर करने के बाद एसटीए के सभी सीनियर अफसरान अपने मोबाइल फोन बंद करके छिप गये हैं. उनमें से एक देश से भागने में भी कामयाब रहा, इसलिए हमने एसटीए के तीन सीनियर लोगों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है. हंगरी के नागरिक और गुरतेज के करीबी सहयोगी डेविड गीज़ के खिलाफ भी एलओसी जारी की गई है.
तकरीबन 30 करोड़ रुपये का निवेश
बता दें कि, ओडिशा के भद्रक, बालासोर, भुवनेश्वर, मयूरभंज, जाजपुर, केंद्रपाड़ा और क्योंझर जिलों के 10,000 से ज्यादा लोगों ने कथित तौर पर पोंजी घोटाले में लगभग 30 करोड़ रुपये का इंवेस्टमेंट किया है. एसटीए के मुख्य रूप से पंजाब, राजस्थान, बिहार, झारखंड, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा और असम जैसे राज्यों में दो लाख से अधिक मेंबर्स हैं. कंपनी ने आरबीआई की इजाजत के बगैर सदस्यों से गैर कानूनी तौर से सैकड़ों करोड़ रुपये जमा किए हैं. नेपाल, दुबई और हंगरी में भी कई लोगों ने एसटीए में इंवेस्ट किया है.
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