मुंबईः बॉलीवुड अदाकारा कंगना रनौत एक कामयाब एक्ट्रेस रही हैं. उन्होंने एक पर एक हिट फिल्में दी हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि उनकी कोई फिल्म इस तरह पिट गई हो, जेसे कंगना रनौत-स्टारर 'धाकड़’ पिट गई है. इस फिल्म को अबतक सिर्फ 2.58 करोड़ रुपये की कमाई करने में पसीने छूट गए हैं. 20 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई यह फिल्म कार्तिक आर्यन-स्टारर 'भूल भुलैया 2’ के रिलीज से टकरा गई थी.  हॉरर-कॉमेडी सीक्वल ने बॉक्स-ऑफिस पर 180 करोड़ रुपये की कमाई की है जबकि 'धाकड़’ अच्छी मार्केटिंग और चर्चा के बावजूद भीड़ को खींचने में नाकाम साबित रही.

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फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी थी कहानी 
स्वतंत्र फिल्म ट्रेड एनालिस्ट सुमित कदेल ने 'धाकड़’ फिल्म की असफलता के पीछे की वजहों को रेखांकित किया है. उनकी राय में, 'धाकड़’ अकेले ऐसी कहानी नहीं है जो इतने कम कमाई और दर्शकों कमी से जूझी हो. वह कहते हैं, "एक पैटर्न है, सिनेमाघरों में दर्शकों द्वारा बड़े बजट की फिल्मों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. सुमित कहते हैं, “ऐसा नहीं है कि 'धाकड़’ एक खराब सिनेमा थी. फिल्म में शानदार एक्शन दृश्यों, शानदार कैमरावर्क और एक अच्छे रंग पैलेट का दावा किया गया था, लेकिन इस फिल्म की सबसे कमजोर कड़ी साबित हुई इसकी कहानी.’’

दर्शक अच्छे कंटेंट देखना पसंद करते हैं 
सुमित ने कहा कि दर्शक ऐसे मनोरंजन देखना चाहते हैं जो उनके बड़े पर्दे के अनुभव और उनकी मेहनत की कमाई को सही ठहरा सकें. यह अच्छे कंटेंट का युग है. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म के काम करने के लिए मनोरंजन सर्वोपरि है, “कम मनोरंजन मूल्य वाली उच्च कंटेंट वाली फिल्में और सामाजिक संदेश वाली फिल्में बॉक्स ऑफिस पर तब तक काम नहीं करेंगी जब तक कि कंटेंट 'द कश्मीर फाइल्स’ जैसी असाधारण न हो.“ सुमित ने नतीजा निकाला, जहां तक 'धाकड़’ की बात है तो ऐसा लगता है कि निर्माताओं के गलत भरोसे की वजह से इसका नुकसान बढ़ गया. निर्माता फिल्म को इतने आश्वस्त थे कि उन्होंने अपनी फिल्म को डिजिटल और सैटेलाइट वितरकों को भी नहीं बेचा. फिल्म का प्रदर्शन कोई भी स्क्रैप मूल्य तक खरीदने को तैयार नहीं है.’’ 


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