राम गोपाल वर्मा को 37 साल बाद मिली इंजीनियर की डिग्री; द्रौपदी मुर्मू को लेकर दिया था बयान
Ram Gopal Varma: दिग्गज फिल्म मेकर राम गोपाल वर्मा को 37 साल बाद यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री मिल गई है. इस मौके पर उन्होंने खुद को अनपढ़ बताते हुए कहा कि मैंने काफी मना किया लेकिन वाइस चांसलर नहीं माने.
Ram Gopal Varma: जाने-माने फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने गुंटूर के आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय से बीटेक करने के 37 साल बाद इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. दिग्गज फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा ने इसकी जानकारी खुद ट्विटर के ज़रिए है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल के ज़रिए इसकी तस्वीर भी शेयर की है. साथ लिखा,"37 साल बीतने के बाद आज अपनी बीटेक की डिग्री हासिल करने के लिए रोमांचित हूं, जिसे मैंने 1985 में कभी नहीं लिया क्योंकि सिविल इंजीनियरिंग के प्रेक्टिस करने में मेरी दिलचस्पी नहीं थी." इसके लिए उन्होंने यूनिवर्सिटी का शुक्रिया भी अदा किया है.
डायरेक्टर ने जुलाई 1985 में आयोजित परीक्षा में बीटेक (सिविल इंजीनियरिंग) सेकेंड डिवीजन से एग्जाम पास किया था. राम गोपाल वर्मा ने यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों के साथ एक तस्वीर भी शेयर की और लिखा, "मैं अशिक्षित आचार्य नागार्जुन यूनिवर्सिटी के उच्च शिक्षित प्रोफेसरों के साथ." उन्होंने कहा, "मैंने माननीय वाइस चांसलर प्रोफेसर राजा शेखर गरु से कहा कि मैं इस सम्मान के लायक नहीं हूं, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं ऐसा करूंगा."
Nobel Peace Prize: पीएम मोदी को मिलेगा नोबेल पीस प्राइज? कमेटी ने दिया बड़ा संकेत
उन्होंने आगे कहा "प्रो.राजशेखर गारू मैं आमतौर पर सम्मानित होने के लिए डरावना महसूस करता हूं लेकिन इस बार मैं हकीकत में इस तरह के सम्मान भरे मौके पर ऐसे सम्मानित लोगों के साथ खुद को भी सम्मानित महसूस कर रहा हूं." सभा को संबोधित करते हुए ली गई एक और तस्वीर को साझा करते हुए डायरेक्टर ने लिखा- "आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय के छात्रों और विद्वानों को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा था लेकिन उन्होंने मुझे बिगाड़ दिया."
60 वर्षीय दिग्गज ने 1989 में क्राइम थ्रिलर शिवा के साथ तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत की. वो अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं. NDA की तरफ से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद राम गोपाल वर्मा ने कहा था कि अगर द्रौपदी राष्ट्रपति हैं तो फिर कौरव कौन हैं'. उनके इस बयान पर विवाद भी खड़ा हो गया था. जिसके बाद उन्होंने सफाई में कहा था कि मेरे बयान का गलत मतलब नहीं था. महाभारत में द्रौपदी मेरा पसंदीदा किरदार है. ऐसे में नाम एक जैसे होने की वजह से संबंधित पात्रों की याद आ गई.
ZEE SALAAM LIVE TV