Antibiotics Warning: अक्सर सिर में हल्का दर्द होने पर या फिर हल्का फीवर होने पर हम दवाएं खा लेते हैं. ये दवाएं हम मामूली से बुखार में इसलिए खा लेते हैं ताकि हमारी तबियत अधिक ना बिगड़े. लेकिन आपको बता दें, अगर आप हल्के-फुल्के बुखार, बदन दर्द या सिर दर्द में एंटीबायोटिक्स या फिर कोई भी पेनकिलर्स लेते हैं, तो जरा सतर्क हो जाएं. दरअसल, आईसीएमआर ने इन दवाओं को लेकर चातावनी दी है. आईसीएमआर की ओर से लोगों को मामूली से बुखार में एंटीबायोटिक का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है. साथ ही डॉक्टर्स को भी इन दवाओं का परामर्श देते समय कोर्स की समय सीमा का ध्यान रखने की बात कही है. 


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ICMR की ओर से जारी गाइडलाइंस में बताया गया कि लोगों का हल्के फीवर या बदन दर्द में एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है. इन दवाओं को कब खाना है और कब नहीं इसकी सही जानकारी सभी के पास नहीं होती है. इस मामले में डॉक्टर्स को खासतौर पर मरीज को कोर्स शुरू करने के साथ ही उसे बंद करने की तारीख के बारें में भी सलाह दी गई है. 


क्या है एंटीबायोटिक का काम?
जब शरीर में मौजूद व्हाइट सेल्स बैक्टीरिया को खत्म नहीं कर पाते हैं, तब एंटीबायोटिक दवाओं के मदद से उनको खत्म करने के लिए बैक्टीरिया शरीर में भेजे जाते हैं. लेकिन इन दवाओं को लोग हल्के-फुल्के फीवर और दर्द में बिना डॉक्टर्स की सलाह के भी खा लेते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है. 


डॉक्टर्स के लिए विशेष गाइडलाइंस-


1. अगर सिर्फ बुखार, रेडियोलॉजी रिपोर्ट्स, व्हाइट ब्लड सेल्स (डब्ल्यूबीसी) काउंट कम होते हैं, तो उस बेसिस पर मरीज को एंटीबायोटिक दवा देने के लिए तय न करें. इसके लिए सबसे पहले इंफेक्शन को पहचानें फिर इलाज करें. 


2. डॉक्टर्स ये चेक कर लें कि मरीज में लक्षण असल में इंफेक्शन के हैं या केवल ऊपरी लग रहा है. उसके बाद ही  एंटीबायोटिक दें. 


Disclaimer: इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिन्दी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.