Apollo Breast Cancer Report: अपोलो ने ब्रेस्ट कैंसर पर एक हैरान करने वाला खुलासा किया है. उसके मुताबिक, 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में 25 फीसद से अधिक स्तन कैंसर के मामले पाए जाते हैं. पिछले पांच साल में तकरीबन 1,50,000 स्क्रीनिंग का विश्लेषण करते हुए, डेटा से यह भी पता चला है कि भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर की घटनाओं की औसत उम्र अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों के मुकाबले में लगभग दस साल पहले है. इस रिपोर्ट का मकसद भारतीय महिलाओं के बीच स्क्रीनिंग और डायग्नोसिस के जरिए से अवेयरनेस बढ़ाने की जरूरत पर जोर देना है. भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के 25 फीसद मामले 39 साल या उससे कम उम्र में हुए. स्तन कैंसर के डायग्नोसिस के वक्त दर्ज न्यूनतम उम्र 23 साल है. 


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ब्रेस्ट कैंसर की प्रारंभिक शुरुआत
भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के 25 फीसद मामले 39 साल या उससे कम उम्र में हुए. स्तन कैंसर के डायग्नोसिस के वक्त दर्ज न्यूनतम उम्र 23 साल है. अपोलो के डेटा ने लगातार इशारे दिये हैं कि भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के डायग्नोसिस की औसतन उम्र 53 साल है, जो कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे पश्चिमी देशों में 62 साल की औसत आयु से काफी कम है. मैमोग्राफी से जांचे गए उल्लेखनीय 23 फीसद मामलों में कुछ असामान्यता पाई गई और हिस्टोपैथोलॉजी के साथ आगे का जायजा किया गया. इनमें से 11.2  फीसद में ब्रेस्ट कैंसर पाया गया.


 


वक्त पर जांच कराने की अपील
प्रिवेंटिव हेल्थ अपोलो के सीईओ डॉ. सत्या श्रीराम ने कहा कि मैं देश भर की ख्वातीन से अपील करती हूं कि वे वक्त पर जांच कराएं, खासकर अगर आपके परिवार में कैंसर का इतिहास रहा हो. अपोलो प्रोटोन कैंसर सेंटर (एपीसीसी) के ब्रेस्ट कैंसर स्पेशलिस्ट और ऑन्कोप्लास्टिक सर्जन डॉ. मंजुला राव ने कहा, "भारत में 60 फीसद से ज्यादा स्तन कैंसर के मरीज एडवांस स्टेज में हैं. पश्चिमी देशों के मुकाबले में स्तन कैंसर से संबंधित मृत्यु की दर में इजाफा हुआ है. यह सार्वजनिक जागरूकता और ब्रेस्ट कैंसर की जांच पर रौशनी डालता है, जो शीघ्र पता लगाने में मदद करता है.



'रेग्युलर जांच को प्राथमिकता दें'
अपोलो द्वारा सुझाए गए कुछ उपायों में कहा गया है कि रेग्युलर जांच को प्राथमिकता देकर और ब्रेस्ट स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रुख अपनाकर, महिलाओं को अपनी भलाई की जिम्मेदारी लेने के लिए सशक्त बनाया जा सकता है.वक्त के साथ-साथ होने वाले किसी भी बदलाव से खुद को परिचित करने के लिए 20 साल की उम्र से शुरू करके हर महीने स्तन की स्वयं जांच करें, जिसमें गांठ, त्वचा में बदलाव या डिस्चार्ज शामिल हैं. 


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