नई दिल्ली: एक नए रिसर्च में ये जानकारी सामने आई है कि बचपन में शारीरिक गतिविधियों में कमी और ज्यादा देर तक बैठे रहने या निष्क्रिय रहने की वजह से  इंसान के दिल का आकार बढ़ने लगता है, जो कई तरह के हृदय रोगों का कारण बनता है.  
हृदय के वजन और आकार में इजाफा, जिसे 'लेफ्ट वेंट्रिकुलर हाइपरट्रॉफी' के तौर पर जाना जाता है, बालिगों में दिल के दौरे, हार्ट अटैक और वक़्त से पहले मौत का एक प्रमुख कारण माना जाता है.


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 शोधकर्ताओं ने कुछ बच्चों और किशोरों पर 13 सालों तक रिसर्च कर पता लगाया कि दिन में लगभग तीन- चार घंटे का फिजिकल एक्टिविटीज, जिसमें रोजाना के काम-काज और आउटडोर खेल में हिस्सा लेना शामिल है, इसके नतीजे में दिल  के वजन में हो रहे इजाफे में कमी आती है.


पूर्वी फिनलैंड यूनिवर्सिटी में नैदानिक ​​महामारी विज्ञान और बाल स्वास्थ्य के एसोसिएट प्रोफेसर और डॉक्टर एंड्रयू अगबाजे ने कहा, ‘‘इस बात के ठोस सबूत हैं कि बचपन में शारीरिक गतिविधियों में कमी होना सेहत के लिए बड़ा खतरा है, जिसे गंभीरता से लेने की ज़रूरत है.’’ 


एंड्रयू अगबाजे ने 'प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी के यूरोपीय जर्नल' में पब्लिश अपने रिसर्च आर्टिकल में कहा, ‘‘हम बचपन में शारीरिक गतिविधियों में कमी को कैसे देखते हैं, इसमें बदलाव होना चाहिए, क्योंकि सबूत एक टिक-टिक करते टाइम बम की तरफ इशारा कर रहे हैं.’’ 


रिसर्च ने ब्रिटेन के ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के 1,700 बच्चों की 11 वर्ष की उम्र से 24 वर्ष की उम्र तक निगरानी की और इन नतीजे  तक पहुंचे हैं. अगबाजे ने कहा, ‘‘हल्की शारीरिक गतिविधि के तौर पर आउटडोर गेम, खेल के मैदान में खेलना, कुत्ते को घुमाना, माता-पिता के लिए काम करना, शॉपिंग मॉल या स्कूल तक पैदल चलना और बाइक चलाना, पार्क में टहलना, जंगल में खेलना, बागवानी, बास्केटबॉल, फुटबॉल, फ्लोरबॉल, गोल्फ, फ्रिस्बी आदि शामिल हैं. हमें बच्चों और किशोरों को दिल की अच्छी सेहत के लिए रोजाना हल्की शारीरिक गतिविधि में भाग लेने के लिए  उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए.’’