हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, IPS इल्मा अफ़रोज़ मामले में गृह सचिव और DGP से मांगा जवाब
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हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, IPS इल्मा अफ़रोज़ मामले में गृह सचिव और DGP से मांगा जवाब

IPS Ilma Afroz: इल्मा अफरोज लंबी छुट्टी पर जाने के बाद 16 दिसंबर से शिमला स्थित पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं, जबकि बद्दी के लोग उनकी वहीं तैनाती की मांग कर रहे हैं.  हाईकोर्ट ने सुच्चा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसपी इल्मा अफरोज की बद्दी में तत्काल नियुक्ति को लेकर बड़ा आदेश दिया है.

हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, IPS इल्मा अफ़रोज़ मामले में गृह सचिव और DGP से मांगा जवाब

IPS Ilma Afroz: हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज को सरकार ने शिमला पुलिस मुख्यालय में तैनात कर दिया है. हालांकि, अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट एसपी बद्दी की शिमला में तैनाती को लेकर सख्त नजर आ रहा है और हाईकोर्ट ने सुच्चा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए एसपी इल्मा अफरोज की बद्दी में तत्काल नियुक्ति और उनका कामकाज सुनिश्चित करने के निर्देश देने को लेकर दायर जनहित याचिका में गृह सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को इस मामले में अपना स्पष्टीकरण पेश करने के भी आदेश दिए हैं. दरअसल, इल्मा अफरोज लंबी छुट्टी पर जाने के बाद 16 दिसंबर से शिमला स्थित पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं, जबकि बद्दी के लोग उनकी वहीं तैनाती की मांग कर रहे हैं.

कोर्ट ने जारी किया आदेश
हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और जस्टिस राकेश कैंथला की खंडपीठ ने सुच्चा सिंह नामक व्यक्ति द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद यह आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से इस मामले में उचित आदेश जारी करने की मांग करते हुए कहा कि बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ में इल्मा अफरोज की तैनाती से वहां की आम जनता खुद को सुरक्षित महसूस करेगी. साथ ही यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनी रहे और ड्रग माफिया और खनन माफिया के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जा सके.

ड्रग माफियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
याचिकाकर्ता ने इल्जाम लगाया है कि बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ में ड्रग माफिया और खनन माफिया अवैध काम करने के आदी हैं. उक्त क्षेत्र की पुलिस इन ड्रग माफिया और खनन माफिया के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई करने में विफल रही है. याचिकाकर्ता का कहना है कि साल 2024 से जब इल्मा अफरोज बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात थीं. तब से उन्होंने उक्त क्षेत्र में कानून का राज लागू किया. उन्होंने एनजीटी के सभी निर्देशों के साथ-साथ हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा पारित सभी आदेशों को भी लागू किया.

सुरक्षित महसूस कर रहे थे लोग- याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने ड्रग माफिया और खनन माफिया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की और पहली बार क्षेत्र के आम लोगों ने कानून के हाथों सुरक्षित और संरक्षित महसूस किया. याचिकाकर्ता का कहना है कि नवंबर महीने में आम लोगों ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष एक प्रतिनिधित्व दायर किया और उनसे इल्मा अफरोज को बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ में पुलिस अधीक्षक के रूप में काम करने की इजाजत देने की गुजारिश की, ताकि आम लोग सुरक्षित महसूस कर सकें, लेकिन मुख्यमंत्री के साथ-साथ प्रतिवादी अधिकारी भी आवश्यक कार्रवाई करने में विफल रहे.

याचिकाकर्ता ने दी ये दलील
याचिकाकर्ता ने 9 सितंबर 2024 के हाईकोर्ट के आदेशों का भी हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने एक आपराधिक मामले की जांच में एसपी इल्मा पर भरोसा जताया था. याचिकाकर्ता का आरोप है कि जब से पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज छुट्टी पर गई हैं, तब से उक्त क्षेत्र की पुलिस ने फिर से अपनी कार्यशैली और योजना बदल दी है. इल्जाम लगाया कि अब उक्त क्षेत्र की पुलिस बिना किसी गलती के आम जनता को प्रताड़ित, मारपीट और लूटपाट करने लगी है. याचिकाकर्ता ने कुछ समाचार रिपोर्टों का भी हवाला दिया और कहा कि इन रिपोर्टों से साफ पता चलता है कि पुलिस ने बद्दी, बरोटीवाला और नालागढ़ क्षेत्रों में अराजकता फैला रखी है.

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