ICU Admission Guidelines: अस्पताल में ICU से संबंधित शिकायत काफी आम है. कभी किसी मरीज को सरकारी अस्पताल में ICU में बेड नहीं मिल पाता, तो कभी प्राइवेट अस्पताल में मरीज से ICU का फर्जी बिल बना कर पैसा ऐंठा जाता है. इस तरह के ICU से जुड़े हुए मद्दे देश भर के अलग-अलग अदालतों में भरे पड़े हैं. ऐसा ही एक मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो देश की सर्वोच्च अदालत ने 'आईसीयू में भर्ती किए जाने को लेकर गाइडलाइंस तैयार कर दी'. 


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2016 में SC में जब ऐसा मामला आया, तब सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल पूछा कि- "क्या हमारे देश में ICU एडमिशन को लेकर कोई दिशा निर्देश हैं?" इस निर्देश के लगभग 8 साल बाद आईसीयू गाइडलाइंस टीम के 24 एक्सपर्ट्स ने मिलकर ICU गाइडलाइंस तैयार की. 


मरीज को ICU में भर्ती करने का सही आधार-
 
-मरीज का कोई ऑर्गन फेल होने पर
-मरीज की मेडिकल हालत बिगड़ने की आशंका पर 
-मरीज के होश में नहीं होने पर
-मरीज का ब्लड प्रेशर, पल्स या हार्ट रेट बहुत असामान्य होने पर
-सांस नहीं आने की स्थिती में मरीज को ऑक्सीजन, वेंटिलेटर की जरूरत होने पर
-जब मरीज को हर मिनट मॉनिटरिंग की जरुरत हो
-मरीज की बीमारी बिगड़ती जा रही हो
-मरीज की कोई बड़ी सर्जरी हुई हो या सर्जरी के दौरान कोई दिक्कत हो गई हो 
-पेट, गले या हार्ट की बड़ी सर्जरी, एक्सीडेंट या ब्रेन इंजरी होने पर 


किस मरीज को ICU में भर्ती नहीं किया जा सकता- 


-मरीज का परिवार जब ICU में भर्ती करने से मना कर दे
-शख्स ने जीते जी अपनी वसीयत में लिख दी हो कि वह ICU में एडमिट नहीं होना चाहता
-वो मरीज जो मरने की कगार पर हैं और मेडिकल तौर पर उन्हें बचाना संभव नहीं हो
-आपदा में सीमित बेड्स होने पर जब प्राथमिकता के आधार पर ICU में एडमिशन मिले