पाकिस्तानी अखबार ने अपनी ही सरकार के `जले’ पर छिड़का नमक; भारत की जमकर की तारीफ
पाकिस्तानी अखबार `द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने अपने संपादकीय पेज पर एक लेख में लिखा है कि भारत दुनिया के लिए प्रासंगिक है, दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है जबकि पाकिस्तानी की अर्थव्यवस्था विदेशी सरकारों के चंदे और कर्ज प्र टिकी हुई है.
इस्लामाबादः वैश्विक मंच पर भारत के बढ़ते दबदबे की पहली बार किसी पाकिस्तानी अखबार ने तारीफ की है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि भारत न सिर्फ दुनिया के लिए प्रासंगिक है, बल्कि दुनिया भर के देश अब इसके नीतियों का अनुसरण कर रहा है. शहजाद चौधरी पाकिस्तान के एक राजनीतिक और रक्षा विश्लेषक हैं। उन्होंने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में लिखा है, “अगर मैं हेनरी किसिंजर होता, तो मैं 'भारत पर’ एक किताब लिखता. एक राज्य के तौर पर भारत एक बड़े बदलाव से गुजर रहा और यह बदलाव न सिर्फ एशिया में बल्कि मोटे तौर पर वैश्विक मंच पर नोटिस किया जा रहा है.
ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया भारत
शहजाद चौधरी ने लिखा है कि भारत ने पिछले साल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए ब्रिटेन को पीछे छोड़ दिया और 2037 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है, जबकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वैश्विक समुदाय से वित्तीय मदद पर चल रही है. 8 बिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा की मदद पाकिस्तान के लिए एक बड़ी राहत के रूप में सामने आई है, जो विनाशकारी बाढ़ और आर्थिक तंगी से इस वक्त जूझ रहा है.
600 बिलियन डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार
इसके अलावा, चौधरी ने 600 बिलियन अमरीकी डॉलर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार रखने के लिए भारत की तारीफ की है, जो दुनिया में चौथे स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान के पास वर्तमान में केवल 4.5 बिलियन अमरीकी डॉलर का भंडार है. पाकिस्तान इस वक्त 1971 के बाद से सबसे गंभीर संकट के दौर में है. अमेरिका के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन से भारत की तुलना करते हुए चौधरी ने कहा, "जीडीपी में इसकी विकास दर चीन के बाद पिछले तीन दशकों में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्थाओं से एक है. :
राजनीतिक स्थिरता की तारीफ की
1992 में केवल 9.2 अमरीकी डॉलर के भंडार वाले देश भारत ने इसमें छलांग लगाते हुए 2004 में 100 बिलियन अमरीकी डॉलर का मुद्रा भंडार रखने वाला देश बन गया. मनमोहन सिंह की सरकार में यह 2014 में 252 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया था. वहीं, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में यह 600 बिलियन से ज्यादा हो गया है. वहीं, विदेशी निवेशक राजनीतिक अस्थिरता, व्यापक आर्थिक नीति की निरंतरता, आतंकवाद, भ्रष्टाचार और ऊर्जा की कमी जैसे विभिन्न कारकों के कारण पाकिस्तान में पैसा लाने से बचते हैं.
72 अरब अमरीकी डॉलर से ज्यादा के निवेश की घोषणा
पाकिस्तान पर नमक छिड़कते हुए चौधरी ने लिखा है कि सऊदी अरब, पाकिस्तान के भाई ने भारत में 72 अरब अमरीकी डॉलर से ज्यादा के निवेश की घोषणा की है, जबकि हम उससे पाकिस्तान के लिए 7 अरब डॉलर का वादा करने के लिए अभी भी विनती कर रहे हैं, उन्होंने कश्मीर पर भारत के रुख की प्रशंसा की है. चौधरी ने लिखा है कि इस वक्त दुनिया के दो विरोधी सैन्य महाशक्तियों का दावा है कि भारत उसका सहयोगी राष्ट्र है. अगर यह भारत की कूटनीतिक जीत नहीं है तो और क्या है?"
Zee Salaam