क्यों मनाया जाता है?


लोगों में हड्डियों से जुड़ी समस्याओं के बारे में जागरूक करने के लिए दुनियाभर में 20 अक्टूबर को ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है. 20 अक्टूबर 1996 को यूनाइटेड किंगडम की राष्ट्रीय ऑस्टियोपोरोसिस सोसाइटी ने ‘वर्ल्ड ऑस्टियोपोरोसिस डे’ की शुरुआत की थी, जिसके बाद 1997 में इंटरनेशल ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन ने इस दिवस का सपोर्ट किया. इसके बाद पूरे विश्व में इस दिन को मनाया जाने लगा.

 

क्या है ऑस्टियोपोरोसिस?


बुजुर्गों के गिरने या छोटी सी चोट के कारण भी कमर, कूल्हे या कलाई की हड्डियां टूट जाती है. इस मुख्य कारण ऑस्टियोपोरिसि होता है. ऑस्टियोपोरोसिस शरीर में बोन मास डेंसिटी यानी बीएमडी की कमी की अवस्था को कहते हैं. इस स्थिति में हड्डियां कमजोर हो जाती है, जो कि हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ा देती है. 50 साल से अधिक उम्र के लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस होने के ज्यादा चांसेस होते हैं. खासकर महिलाएं इसका शिकार होती हैं. ऑस्टियोपोरोसिस के मरिजों में कुछ लक्षण आम है, जैसे- हड्डी में तकलीफ, हड्डी की कमजोरी या हड्डी में दर्द. 

 

ऑस्टियोपोरोसिस के कारण


पोषक तत्वों की कमी और खराब लाइफस्टाइल ऑस्टियोपोरोसिस का मुख्य कारण है. खास कर विटामिन डी की कमी ऑस्टियोपेनिया का कारण बन जाती है, जिससे ऑस्टियोपोरिसिस हो सकता है. साथ ही शराब और धूम्रपान हड्डियों में कैल्शियम की मात्रा को कम कर देती है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती है. 

 

इलाज


ऑस्टियोपोरोसिस का कोई इलाज नहीं है. लेकिन लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है. हमें अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में ऐसे चीजें जोड़नी चाहिए जिससे हड्डियां स्वस्थ और मजबूत हो. जैसे- कैल्शियम से भरपूर भोजन, व्यायाम, संतुलित आहार, विटामिन डी आदी.