Israel Gaza: इजरायल ने गाजा में स्कूल पर किया हमला; 16 लोगों की हुई मौत
Israel Gaza War: इजरायल और गाजा में जंग जारी है. फिलिस्तीनी अधिकारियों का कहना है कि जिस स्कूल पर हमला हुआ है उसमें 16 लोग मारे गए हैं. उधर इजरायल के अधिकारियों का कहना है कि हमास इस स्कूल का इस्तेमाल इजरायल के सैनिकों के खिलाफ कर रहा था.
Israel Gaza War: फिलिस्तीनी अधिकारियों ने कहा है कि गाजा पट्टी में एक स्कूल पर इजरायली हवाई हमले में कम से कम 16 लोग मारे गए हैं, साथ ही इस हमले में कई अन्य घायल हो गए हैं. घायलों की संख्या कम से कम 75 बताई गई है. हमास की तरफ से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इमारत में हजारों विस्थापित लोग रह रहे थे. शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में, इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने कहा कि वायुसेना ने "सेंट्रल गाजा में यूएनआरडब्ल्यूए के अल-जौनी स्कूल के क्षेत्र में स्थित इमारत में रह रहे कई आतंकवादियों" पर हमला किया.
आईडीएफ का इल्जाम
आईडीएफ ने आगे कहा कि "यह स्थान आतंकवादियों के छिपने की जगह थी. इसका उपयोग आईडीएफ सैनिकों पर हमले के लिए किया जा रहा था." आईडीएफ ने आगे कहा कि हमले से पहले "नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के जोखिम को कम करने के लिए कई कदम उठाए गए, जिसमें सटीक हवाई निगरानी और अतिरिक्त खुफिया जानकारी का उपयोग शामिल था". आईडीएफ ने हमास पर इल्जाम लगाया है कि वह इजरायल के खिलाफ हमलों के लिए नागरिक इमारतों और नागरिक आबादी का मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है.
बातचीत के लिए कतर की यात्रा
इधर, संघर्ष विराम वार्ता के लिए सीआईए प्रमुख विलियम बर्न्स अगले हफ्ते कतर की यात्रा करेंगे. गाजा में जंग को खत्म करने और इजरायली और फिलिस्तीनी बंदियों की अदला-बदली पर दोहा में बातचीत जारी है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इजरायल के वार्ताकार भी इस हफ्ते फिर से कतर जाने वाले हैं. इजरायल के मोसाद जासूस प्रमुख डेविड बार्निया के नेतृत्व वाली एक टीम शुक्रवार को ही दोहा से लौटी है.
संघर्ष विराम
मिस्र, कतर और अमेरिका कई महीनों से इजरायल और हमास के बीच वार्ता में मध्यस्थता कर रहे हैं. हाल के दिनों में वार्ता में नए सिरे से तेजी देखी गई है. 7 अक्टूबर से अब तक गाजा में इजरायली हमलों में कम से कम 38,098 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. यहां खाना, पानी, दवा और दूसरी मानवीय आपूर्ति की भारी कमी है.