Israel–Hezbollah Conflict: 17-18 सितंबर 2024 लेबनान में हिजबुल्लाह मेंबर्स के पेजर और वॉकी-टॉकी में एक के बाद एक ब्लास्ट ने सभी को चौंका दिया था. इस ब्लास्ट में 37 लोग मारे गए और हजारों लोग घायल हो गए. दोनों हमलों के लिए हिजबुल्लाह ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया लेकिन इजरायल ने सीधे तौर पर इसकी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया था. इसके बाद 20 सितंबर को इजरायल ने दक्षिणी बेरूत में हिजबुल्लाह के गढ़ पर हमला किया. खबरों के मुताबिक उस हमले में हिजबुल्लाह के एक शीर्ष कमांडर समेत 55 लोग मारे गए थे. इस हमले के महज 3 दिन बाद 23 सितंबर को इजरायल ने लेबनान पर भारी बमबारी की, जिसमें करीब 1300 ठिकानों को निशाना बनाया गया था. इस हमले में भी सैकड़ों लोगों की जान गई थी. 


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इजराइल के लगातार हमलों को देखते हुए 25-26 सितंबर को हिजबुल्लाह ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए इजराइल पर हमला किया. दोनों तरफ के हमले को देखते हुए न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं ने दोनों देशों को तनाव कम करने की अपील की. अमेरिका और उसके सहयोगियों ने दोनों देशों से 21 दिनों के लिए जंग रोकने की अपील की थी, लेकिन इजराइल ने इसे मानने से साफ इंकार कर दिया था. 


इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने 27 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था कि हमें "हिजबुल्लाह को हराना है". इसके बाद उन्होंने बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमला करने का ऑर्डर दे दिया. इस हमले का मेन टारगेट हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरलल्लाह ही था. इसके बाद इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने शुक्रवार की रात हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरलल्लाह के अड्डे पर मिसाइल हमला किया, जिसमें नसरलल्लाह मारा गया. 


नसरलल्लाह को मारने के बाद दूसरे दिन 28 सितंबर को इजरायली डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने इस बात की पुष्टि की. नसरलल्लाह महज 30 साल की उम्र में ही हिजबुल्लाह का महासचिव बन गया था, और अगले 32 सालों तक नसरलल्लाह ने इजराइल के नाक में दम करके रखा था. इजराइल नसरलल्लाह को दुश्मन नंबर 1 मानता था.