Karnataka News: पुलिस हिरासत में आदिल की हुई मौत, गुस्साई भीड़ ने थाने पर बोला हमला
Karnataka News: चन्नगिरी में पुलिस हिरासत में एक शख्स की मौत हो गई है, जिसके बाद भीड़ ने थाने का घेराव करते हुए पथराव कर दिया. इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया है. वहीं, इस घटना को देखते हुए चन्नागिरी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है.
Karnataka News: कर्नाटक के चन्नगिरी में पुलिस हिरासत में एक शख्स की मौत हो गई है, जिसके बाद भीड़ ने थाने का घेराव करते हुए पथराव कर दिया. इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया है. गुस्साई भीड़ ने थाने में तोड़फोड़ भी की है. वहीं, इस घटना को देखते हुए चन्नागिरी में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. इसके साथ ही दूसरे जिले से भी सुरक्षा बलों को बुलाया गया है. अधिकारियों को इलाके में कानू-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए गए हैं.
क्या है पूरा मामला
यह घटना 24 मई की देर रात पुलिस हिरासत में 30 साल के आदिल की मौत हुई थी. जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने थाने पर पथराव किया, जिसमें 11 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए और 5 से ज्यादा पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. पुलिस ने आदिल को अवैध सट्टेबाजी गतिविधियों में उसकी कथित संलिप्तता के इल्जाम में हिरासत में लिया था.
SP ने क्या कहा?
दावणगेरे की पुलिस अधीक्षक उमा प्रशांत ने आज यानी 25 मई को बताया, "आदिल को शुक्रवार को थाने लाया गया. वह थाने में बेहोश हो गया. उसे फौरन अस्पताल ले जाया गया, फिर पुलिस को पता चला कि उसकी मौत हो गई. आदिल 6 से 7 मिनट से ज़्यादा देर तक थाने में नहीं रहा था. हालांकि, उसके परिवार के सदस्य दावा कर रहे हैं कि यह लॉकअप में हुई मौत का मामला है."
फिलहाल काबू में है स्थिति
पुलिस अधीक्षक ने आगे कहा, "थाने में सीसीटीवी कैमरा लगा है. मृतक के पिता की शिकायत की जांच की जाएगी. मामले की गंभीरता को देखते हुए पोस्टमार्टम जज की निगरानी में कराया जाएगा. मृतक के पिता की शिकायत समेत घटना के संबंध में कुल 4 केस दर्ज किए गए हैं. स्थिति कंट्रोल में है."
पूर्व सीएम ने क्या कहा?
इस बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, "सरकार इस तरह से काम कर रही है कि राज्य में कोई माहौल नहीं है, जहां सरकार और अधिकारियों का सम्मान किया जाता हो. सरकार अधिकारियों का दुरुपयोग कर रही है. राज्य में कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है. यह सरकार का सेल्फ गोल है. अधिकारियों को खुद सरकार पर भरोसा नहीं है. लोगों को भी सरकार पर भरोसा नहीं है."