Uttar Pradesh News: ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के नेशनल प्रेसिडेंट मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने असम में मुस्लिम निकाह काजियों के रेजिस्ट्रेशन न होने पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा मुसलमानों के खिलाफ बेतुकी बयानबाजी करते हैं और कानून बनाने की बात करते हैं. इससे पूरे मुल्क के मुसलमान तनाव से गुजर रहे हैं.


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उन्होंने कहा कि असम के सीएम हर नए दिन मुसलमानों के खिलाफ गलत प्रचार करते हैं. वह असम असेंबली में एक बिल लाने की बात कर रहे हैं और एक नया कानून बनाने का प्रोविजन किया है. इस कानून के जरिए से वह इस्लामी रीति-रिवाजों के मुताबिक निकाह की मान्यता कैंसिल  करने और इसे सरकार द्वारा रजिस्टर्ड करने का प्रविजन ला रहे हैं.


"सीएम की मंशा है कि जो भी इस्लामी रीति-रिवाज को खत्म करने की" AIMJ
AIMJ प्रेसिडेंट ने कहा, "सीएम की मंशा है कि जो भी इस्लामी रीति-रिवाज है उसे खत्म कर दिया जाए और इस बहाने मुसलमानों को परेशान किया जाए. इस मुल्क में हिंदुत्ववादी नजरिया रखने वाले सीएम और सियासत का दुरुपयोग करने वालों की सत्ता ज्यादा दिन नहीं चलती."


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जानें क्या है पूरा मामला?
बता दें, असम में मुसलमानों की शादी और तलाक को लेकर जल्द ही बहुत कुछ बदलने वाला है, क्योंकि असम की भाजपा सरकार असेंबली में एक बिल पेश करने की तैयारी में है. इस बिल के आने से मुस्लिम शादियों का रजिस्ट्रेशन काजी नहीं बल्कि सरकार के समक्ष होगा.


सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार मुस्लिम लोगों की शादी और तलाक के कंपल्सरी सरकारी रेजिस्ट्रेशन के लिए विधानसभा के आगामी सेशन में यह बिल पेश करेगी. सरमा ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को बताया कि सरकार आने वाली सेशन के दौरान असम अनिवार्य मुस्लिम विवाह और तलाक रेजिस्ट्रेशन बिल, 2024 पेश करेगी.