Assam सरकार का नया बिल, काज़ी नहीं अब सरकार करेगी मुस्लिम शादियों का रजिस्ट्रेशन
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Assam सरकार का नया बिल, काज़ी नहीं अब सरकार करेगी मुस्लिम शादियों का रजिस्ट्रेशन

Assam Muslim Marriage Bill 2024: असम सरकार मुसलमानों में होने वाली शादी को लेकर बिल आज असेंबली में पेश करने वाली है. जिसके पास होने के बाद काज़ी की पावर खत्म हो जाएगी और शादी का रजिस्ट्रेशन सरकार के जरिए ही कराना होगा.

Assam सरकार का नया बिल, काज़ी नहीं अब सरकार करेगी मुस्लिम शादियों का रजिस्ट्रेशन

Assam Marriage Bill 2024: असम सरकार 22 अगस्त से शुरू होने वाले आने वाले राज्य विधानसभा सेशन में एक बेहद जरूरी बिल पेश करने वाली है, जो राज्य में मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए विवाह और तलाक का सरकारी रजिस्ट्रेशन जरूरी कर देगा. यह फैसला गुवाहाटी के लोक सेवा भवन में हुई मीटिंग में लिया गया है, जिसकी सदारत चीफ मिनिस्टर हेमंत बिस्वा शर्मा कर रहे थे.

हेमंत बिस्वा शर्मा ने क्या कहा?

गुवाहाटी के लोक सेवा भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि, राज्य मंत्रिमंडल ने आज असम अनिवार्य मुस्लिम विवाह तलाक पंजीकरण बिल, 2024 को मंजूरी दे दी है."

काज़ी नहीं अब कानूनी तौर पर होगी मुस्लिमों में शादी

उन्होंने कहा,"इससे पहले मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण काजी के जरिए किया जाता था. यह नया बिल यह सुनिश्चित करेगा कि मुस्लिम समाज में होने वाली शादी का रजिस्ट्रेशन काजी के जरिए नहीं बल्कि सरकार के जरिए किया जाएगा. 18 साल से कम उम्र में शादी का रजिस्ट्रेशन नहीं किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी असम सरकार का उप रजिस्ट्रार होगा."

क्या है इस बिल को लाने का मकसद

उन्होंने कहा कि 22 अगस्त को शुरू होने वाले सेशन में इस बिल को पेश किया जाना है. इस नए बिल को लाने का अहम मकसद बाल विवाह के खिलाफ लड़ना है". हालांकि  अब सवाल उठता है कि क्या मुस्लिम समाज में ही बाल विवाह होते हैं.

दूसरी ओर, असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि - "मंदिर या नामघर जैसी विरासत संरचना के आसपास का 5 किलोमीटर का इलाका जो कम से कम 250 साल पुराना है, उसे संरक्षित इलाका घोषित किया जाएगा. इसका मतलब है कि इस इलाके में जमीन का लेन-देन केवल उन परिवारों के बीच किया जा सकता है जो 3 पीढ़ियों या उससे अधिक समय से वहां रह रहे हैं."

इससे पहले बुधवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि उनकी सरकार एक नया कानून लाएगी, जिसके तहत स्टेट में यूनीवर्सिटी खोलने के लिए अनिवार्य सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता होगी. उन्होंने रिपोर्टर से कहा था, "केरल के कुछ संस्थान असम के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में विश्वविद्यालय खोलने के इच्छुक हैं. कांग्रेस की नीति थी कि किसी भी अमीर संस्थान को आसानी से विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति दी जाए. राज्य मंत्रिमंडल में एक नया अधिनियम लाया जाएगा, जिसके तहत नर्सिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज और डेंटल कॉलेज खोलने के लिए सुरक्षा मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया जाएगा."

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