Owaisi on UCC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न जबसे समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की वकालत की है तब से ही कई सियासी पार्टी और कई समुदाय इसका विरोध कर रहे हैं. मुसलमान भी UCC लागू किए जाने के खिलाफ हैं. आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख इसकी खुलकर मुखालफत कर रहे हैं. उन्होंने इसे मुसलमानों के खिलाफ बताया है. 


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टाइम्स नाउ को दिए एक इंटरव्यू में असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि "21वें विधि आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि UCC की जरूरत नहीं है और इसे क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बताया था. समान नागरिक संहिता भारत के बहुलवाद को खत्म कर देगी."


उवैसी का मानना है कि भाजपा मुसलमानों की हितैषी नहीं है. उन्होंने कहा कि "बीजेपी के प्रवक्ता खुलेआम मुसलमानों के खिलाफ बोल रहे हैं, ऐसे में क्यों न कहा जाए कि ये मुसलमानों को टारगेट करने के लिए लाया जा रहा है. इसका असर सिर्फ मुसलमानों नहीं बल्कि हिंदुओं पर भी पड़ेगा."


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ओवैसी के मुताबिक "देश में पहले से ही दो सिविल कानून हैं. ऐसे में ये नहीं कह सकते कि ऐसा नहीं हो सकता." उवैसी के मुताबिक "सिंगापुर और इजरायल में मुसलमानों के लिए पर्सनल लॉ मौजूद हैं. ब्रिटेन में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड में अलग-अलग आपराधिक कानून हैं और इंग्लैंड में इस्लामिक बैंकिंग वैध है."


ओवैसी ने भारत के बहुलतावाद की तारीफ की और कहा कि "भारत की खूबसूरती इसका बहुलवाद है और बीजेपी को इससे नफरत है. बहुलवाद को बनाए रखने के लिए दो नहीं, तीन सिविल कानून हों, तब भी ठीक है. भारत का सेक्युलरिज्म ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका के सेक्युलरिज्म से अलग है. अगर देश को अमेरिका की तरह बनाना चाहते हैं तो ये ठीक नहीं है, अगर आप भारत को फ्रांस की तरह करना चाहते हैं तो मैं इसका विरोध करूंगा."


ख्याल रहे कि पीएम मोदी ने हाल ही में मध्य प्रदेश में एक सभा को संबोधित करते हुए UCC को लागू किए जाने की वकालत की थी. इसके बाद आदिवासी मुस्लिम समाज ने इसकी मुखालफत की थी.


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